मिल गई बवासीर की असली जड़, जानबूझकर कर रहे 99.9% लोग ये गलती

punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 12:44 PM (IST)

 नारी डेस्क:  बवासीर (Piles या Hemorrhoids) एक बेहद आम स्वास्थ्य समस्या है, जो आजकल की जीवनशैली और खानपान की आदतों के कारण तेजी से बढ़ रही है। आश्चर्य की बात यह है कि इस बीमारी की असली वजह हम सबको पता होने के बावजूद भी, 99.9% लोग वही गलती बार-बार कर रहे हैं, जिसकी वजह से ये तकलीफ़ और भी बढ़ जाती है। वैज्ञानिकों और डॉक्टर्स ने अब साफ कर दिया है कि बवासीर केवल "कब्ज" या "मसालेदार खाना" खाने से नहीं होती – असली कारण कहीं और छिपा है।

घंटों तक टॉयलेट में मोबाइल चलाना – खतरनाक आदत

आज की डिजिटल दुनिया में लोग टॉयलेट को आरामगाह बना चुके हैं। कई लोग वहां बैठकर मोबाइल स्क्रॉल करना, चैटिंग या वीडियो देखना पसंद करते हैं। टॉयलेट सीट पर ज्यादा देर तक बैठने से रेक्टल एरिया पर दबाव बढ़ता है। ये लगातार दबाव आंतरिक और बाहरी बवासीर का कारण बनता है।डॉक्टर्स के मुताबिक, 5 मिनट से ज्यादा टॉयलेट सीट पर बैठना खतरे की घंटी है।

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 पानी की कमी – शरीर के लिए जहर

शरीर को हाइड्रेटेड रखना सिर्फ स्किन या किडनी के लिए नहीं, बल्कि डाइजेशन के लिए भी बेहद ज़रूरी है। पानी की कमी से शरीर में फाइबर भी अपना काम नहीं कर पाता। कम पानी पीने से मल सख्त हो जाता है, जिससे कब्ज होता है। कब्ज से मलत्याग के दौरान जोर लगाना पड़ता है, और यही बवासीर का मुख्य कारण है। विशेषज्ञों के अनुसार, एक सामान्य व्यक्ति को दिन में 8–10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए।

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 गलत डाइट – फाइबर की भारी कमी

ज्यादातर लोग आजकल प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड और मसालेदार चीजों का अधिक सेवन कर रहे हैं। इन सबमें फाइबर की मात्रा बेहद कम होती है। फाइबर की कमी से मल कठोर होता है और आंतों में रुकावट पैदा करता है। जिससे पेट साफ़ नहीं होता और व्यक्ति को ज़ोर लगाना पड़ता है। डॉक्टर्स कहते हैं, रोजाना डाइट में हरी सब्ज़ियां, फल और साबुत अनाज ज़रूर शामिल करें।

 शारीरिक गतिविधियों की कमी – एक और खामोश कातिल

आज की नौकरी और लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है कि लोग घंटों कुर्सी पर बैठे रहते हैं। वर्क फ्रॉम होम और घंटों की स्क्रीन टाइमिंग ने शरीर की नेचुरल मूवमेंट को रोक दिया है। लगातार बैठे रहने से ब्लड फ्लो धीमा हो जाता है, खासकर पेल्विक एरिया में। इससे वेन (veins) में सूजन आ जाती है और यही बवासीर का रूप ले लेती है। रोजाना कम से कम 30 मिनट की वॉक या हल्की एक्सरसाइज करने से यह खतरा काफी हद तक कम हो सकता है।

 मलत्याग को टालना – आदत जो नुकसान पहुंचाती है

कुछ लोग आलस या माहौल की कमी के कारण टॉयलेट जाना टालते रहते हैं। बार-बार ऐसा करने से शरीर की प्राकृतिक क्रिया बाधित होती है। मल को रोकने से वह आंतों में सूखने लगता है, जिससे कठोर मल बनता है। इससे जब व्यक्ति टॉयलेट जाता है तो उसे अत्यधिक जोर लगाना पड़ता है। यह सीधे-सीधे बवासीर को न्योता देने वाली आदत है।

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गर्भावस्था और मोटापा भी हो सकते हैं कारण

विशेषज्ञ मानते हैं कि महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान और अधिक वजन वाले लोगों में भी बवासीर का खतरा ज्यादा होता है। इसका कारण है शरीर के निचले हिस्से पर अधिक दबाव पड़ना।

बचाव कैसे करें? – कुछ आसान लेकिन असरदार उपाय

मोबाइल को टॉयलेट के बाहर ही रखें। हर 30-40 मिनट में उठकर 5 मिनट चलें। दिन में 8–10 गिलास पानी ज़रूर पीएं।

भोजन में फाइबर बढ़ाएं – जैसे ओट्स, फल, हरी सब्जियां।

कब्ज की समस्या को अनदेखा न करें – तुरंत उपाय करें।

तनाव को कम करें – क्योंकि स्ट्रेस भी बवासीर का ट्रिगर बन सकता है।

सावधानी ही बचाव है

बवासीर कोई मामूली परेशानी नहीं है। यह समय के साथ गंभीर रूप ले सकती है, और कई बार सर्जरी तक की नौबत आ जाती है। इसलिए अगर आप भी उन 99.9% लोगों में हैं जो ये सामान्य सी दिखने वाली गलतियां बार-बार कर रहे हैं, तो अब चेत जाने का वक्त है।

एक छोटी सी आदत – जैसे टॉयलेट में मोबाइल छोड़ना या दिनभर पानी पीना – आपके जीवन को बड़ी बीमारी से बचा सकती   

 


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Content Editor

Priya Yadav

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