जवान लोगों को आ रहा हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट? ये गलतियां पड़ रही जान पर भारी

punjabkesari.in Wednesday, Aug 27, 2025 - 06:07 PM (IST)

नारी डेस्क: पहले हार्ट अटैक बुजुर्गों की बीमारी मानी जाती थी, लेकिन अब यह तेजी से युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। आज 20 से 40 साल के लोग भी हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो रहे हैं। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? बच्चे से लेकर 30 से 40 साल के युवा इस साइलेंट किलर बीमारी की चपेट में क्यों आ रहे हैं। चलिए आज के इस आर्टिकल में इस तरह के बढ़ते मामलों के कारण और बचाव को लेकर विस्तार में समझते हैं। 

युवाओं में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के पीछे क्या कारण हैं?

अनहेल्दी लाइफस्टाइल

हार्ट अटैक जैसी बीमारियों के बढ़ने की वजह अनहेल्दी लाइफस्टाइल है। आजकल युवा देर रात तक जागते हैं, मोबाइल या लैपटॉप पर ज्यादा समय बिताते हैं और शारीरिक गतिविधियां बहुत कम करते हैं। इससे नींद पूरी नहीं हो पाती और शरीर का मेटाबॉलिज़्म (पाचन और ऊर्जा बनने की प्रक्रिया) गड़बड़ हो जाता है, जो दिल की बीमारियों की शुरुआत कर सकता है।

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खराब डाइट और जंक फूड का सेवन

फास्ट फूड, तला-भुना खाना, मीठे पेय पदार्थ और प्रोसेस्ड स्नैक्स – ये सभी शरीर में फैट, शुगर और कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं। इससे वजन बढ़ता है, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर बिगड़ते हैं, जो हार्ट अटैक के जोखिम को कई गुना बढ़ा देते हैं।

बैठे रहने वाली जीवनशैली (Sedentary Lifestyle)

घंटों तक एक ही जगह बैठकर काम करना या मोबाइल/टीवी देखना दिल के लिए बहुत नुकसानदेह है। शारीरिक गतिविधियों की कमी से दिल कमजोर होता है और रक्त संचार पर असर पड़ता है।

मानसिक तनाव और स्ट्रेस

कॉलेज, नौकरी, रिश्तों या सोशल मीडिया का प्रेशर – ये सभी युवाओं में तनाव बढ़ा रहे हैं। लगातार तनाव से शरीर में ‘कोर्टिसोल’ और ‘एड्रेनालिन’ जैसे हार्मोन बढ़ जाते हैं, जो धमनियों पर असर डालते हैं और हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं।

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 धूम्रपान, अल्कोहल और एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन

सिगरेट, शराब और एनर्जी ड्रिंक्स दिल की धड़कन और रक्तचाप को असंतुलित कर सकते हैं। खासकर कैफीन और अन्य उत्तेजक पदार्थ हार्ट की रिद्म को बिगाड़ सकते हैं, जिससे कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।

अनजाने में छिपी बीमारियां और जेनेटिक कारण

कई बार युवाओं को पता ही नहीं होता कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर, शुगर या कोलेस्ट्रॉल की समस्या है। ये “साइलेंट किलर” धीरे-धीरे दिल को कमजोर करते हैं। इसके अलावा अगर परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास है, तो खतरा और बढ़ जाता है।

बिना गाइडेंस के ओवर वर्कआउट

कई युवा फिटनेस के नाम पर जरूरत से ज्यादा वर्कआउट करने लगते हैं, वो भी बिना डॉक्टर की सलाह के। इससे दिल पर जरूरत से ज्यादा दबाव पड़ता है और कार्डियक इमरजेंसी हो सकती है।

डॉक्टर क्या सलाह देते हैं?

 युवाओं में हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाओं की बड़ी वजहें हैं:

तनाव

खराब खानपान

नींद की कमी

कैफीन और स्टिमुलेंट्स का अधिक सेवन

शारीरिक गतिविधियों की कमी

रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें हेल्दी डाइट लें, जिसमें फल, सब्ज़ियां और फाइबर हो धूम्रपान और शराब से दूर रहें स्क्रीन टाइम कम करें ।और अच्छी नींद लें नियमित हेल्थ चेकअप करवाएं मानसिक तनाव को योग, मेडिटेशन या बातचीत के जरिए कम करें।

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 युवाओं को कैसे सतर्क रहना चाहिए?

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युवाओं में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामलों का बढ़ना एक गंभीर संकेत है। इसे सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी समझकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सही समय पर सतर्कता, हेल्दी आदतें और नियमित जांच से इस खतरे को काफी हद तक रोका जा सकता है।
 
 

 


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Content Editor

Priya Yadav

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