बरसात में सड़क किनारे उगने वाली ये जड़ी-बूटी, गायब कर देगी पीलिया और पथरी
punjabkesari.in Sunday, Sep 07, 2025 - 12:09 PM (IST)

नारी डेस्क : बरसात का मौसम आते ही जमीन पर कई तरह की प्राकृतिक जड़ी-बूटियां उगने लगती हैं। इन्हीं में से एक है भुई आंवला। यह एक छोटी सी हरी जड़ी-बूटी है, जिसके पत्तों के नीचे छोटे-छोटे दाने लगते हैं, जो बिल्कुल आंवले जैसे दिखते हैं। इसी वजह से इसका नाम पड़ा है भुई आंवला। आयुर्वेद में इसे बेहद चमत्कारी पौधा माना गया है। सही तरीके से इस्तेमाल करने पर यह न केवल शरीर को डिटॉक्स करता है बल्कि पीलिया, किडनी स्टोन और लिवर से जुड़ी बीमारियों में भी राहत दिलाता है।
कहां मिलता है भुई आंवला?
भुई आंवला एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो बरसात के मौसम में अपने आप उग आती है। इसे ढूंढना बिल्कुल मुश्किल नहीं है, क्योंकि यह अक्सर सड़क किनारे, पार्कों, खेतों की मेड़ों और घास-फूस के बीच आसानी से दिखाई दे जाता है। बरसात में नमी बढ़ने के साथ इसका फैलाव और भी तेजी से होता है।
फैटी लिवर में कारगर
आजकल बदलती जीवनशैली, जंक फूड और ज्यादा तैलीय भोजन की वजह से फैटी लिवर की समस्या बहुत आम हो गई है। ऐसी स्थिति में भुई आंवला बेहद असरदार माना जाता है। यह लिवर को अंदर से साफ करने, उसकी कार्यक्षमता बढ़ाने और शरीर में जमा हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।
भुई आंवला के इस्तेमाल के तरीके
जूस: भुई आंवला के पत्तों और दानों को अच्छी तरह साफ करके पीस लें और उसका रस निकाल लें। इस रस को रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच मात्रा में लेने से लिवर की गंदगी धीरे-धीरे साफ होने लगती है। साथ ही, यह पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है और शरीर को हल्का महसूस कराता है।
पाउडर: भुई आंवला को सुखाकर इसका बारीक पाउडर बनाया जाता है। इस पाउडर को आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ सुबह और शाम लेने से लिवर स्वस्थ रहता है और पाचन तंत्र भी बेहतर काम करता है। नियमित सेवन से शरीर को ऊर्जा मिलती है और रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
काढ़ा: भुई आंवला के पत्तों और दानों को पानी में उबालकर उसका काढ़ा तैयार किया जाता है। इसे छानकर गुनगुना पीने से शरीर में जमा हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते हैं। यह काढ़ा लिवर की कार्यक्षमता बढ़ाने, शरीर को डिटॉक्स करने और हल्कापन महसूस कराने में मदद करता है।
पीलिया और पथरी का इलाज
भुई आंवला केवल लिवर को साफ करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पीलिया और किडनी स्टोन (पथरी) जैसी गंभीर समस्याओं में भी कारगर माना जाता है। इसका नियमित सेवन शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है और पाचन संबंधी परेशानियों को भी दूर करने में मदद करता है।
भुई आंवला के 5 प्रमुख फायदे
लिवर की सफाई : यह लिवर को डिटॉक्स कर उसकी कार्यक्षमता बढ़ाता है।
फैटी लिवर में फायदेमंद : तैलीय भोजन और जंक फूड से बिगड़े लिवर को ठीक करने में मदद करता है।
पीलिया से राहत : पीलिया की स्थिति में यह औषधि शरीर को तेजी से ठीक करने में सहायक है।
किडनी स्टोन (पथरी) में कारगर : इसके सेवन से पथरी बनने की संभावना कम होती है और पहले से बनी पथरी को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
पाचन सुधारता है : यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर अपच, गैस और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
हालांकि यह जड़ी-बूटी प्राकृतिक औषधि है, लेकिन इसका सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। हर व्यक्ति के शरीर की जरूरत अलग होती है, इसलिए सही मात्रा विशेषज्ञ की देखरेख में ही तय करनी चाहिए। बरसात में सड़क किनारे मिलने वाला यह साधारण सा पौधा बड़ी-बड़ी बीमारियों में रामबाण साबित हो सकता है। सही तरीके से सेवन करने पर यह पीलिया, पथरी, फैटी लिवर और पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाता है।