Osteoporosis में छीकनें से भी टूट सकती है हड्डी ! ये सुपरफूड्स बनाएंगे Bones को मजबूत

punjabkesari.in Friday, Oct 20, 2023 - 12:38 PM (IST)

आजकल की गलत लाइफस्टाइल , हेल्दी डाइट की कमी के चलते शरीर पर इसके कई सारे नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। ये हड्डियों की सेहत पर असर डालता है, और वो बहुत कमजोर हो जाती हैं। इससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसे समस्या भी हो सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों की कमजोरी और इसके भंगुर होने के खतरे को बढ़ाने वाली समस्या है। इसे रोग के बढ़ते हुए मामलों को देखकर हर साल 20 अक्टूबर को वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे मनाया जाता है। एक्सपर्टस का कहना है कि ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं की हल्का से गिरने से खांसने- छींकने से हड्डियां फ्रैक्चर होने का खतरा रहता है। कूल्हे, कलाई या रीढ़ की हड्डी में इस तरह का जोखिम सबसे ज्यादा देखा जाता है।


क्या होता है ऑस्टियोपोरोसिस 

हमारी हड्डियों की कोशिकाओं में लगातार ब्रेक डाउन और निर्माण होता रहता है। हालांकि ऑस्टियोपोरोसिस की स्थिति में हड्डियों की क्षति तो होती है, लेकिन नई कोशिकाओं का निर्माण नहीं हो पाता है। ये स्थिति हड्डियों को काफी कमजोर कर देती है और घनत्व कम होने के कारण इसके आसानी से टूटने का जोखिम बहुत ज्यादा होता है। इन फूड्स से आप हड्डियों को स्ट्रांग बना सकते हैं...

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कैल्शियम

कैल्शियम हड्डी का एक जरूरी तत्व है, इसका लेवल बोन मिनरल डेंसिटी (बीएमडी) और फ्रैक्चर के खतरे और हड्डी के उपचार पर असर डालता है। ए़डल्ट्स को हर दिन 1000-1200 मिलीग्राम कैल्शियम मिलना चाहिए। दूध, दही, पनीर, ब्रोकली, शलजम या कोलार्ड साग, केल, बोक चॉय, सोया, बीन्स, हड्डियों के साथ डिब्बाबंद ट्यूना या सैल्मन, बादाम का दूध और फोर्टिफाइड अनाज या जूस इसका बढ़िया सोर्स है।

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विटामिन डी

कैल्शियम इस्तेमाल करने और हड्डियों में मिनरल बनाने के लिए विटामिन डी मदद करता है।एडल्ट्स हर दिन कम से कम 600  IU विटामिन डी मिलना चाहिए। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कॉड लिवर ऑयल, सैल्मन, लिवर, फोर्टिफाइड दूध या दही, अंडे की जर्दी, फोर्टिफाइड संतरे का रस विटामिन डी देता है।

प्रोटीन

प्रोटीन भी हड्डियों के लिए बहुत जरूरी होता है। लगभग 30 0% स्ट्रक्चर प्रोटीन से बना होता है। अध्ययनों से पता चला है कि फ्रैक्चर और उसके आसपास कैल्शियम जमा होने के लिए प्रोटीन एक फ्रेमवर्क बनाता है। मांस, मछली, दूध, पनीर, दही, मेवे, बीज, फलियां, सोया उत्पाद और फोर्टिफाइड अनाज हाई प्रोटीन फूड होते हैं।

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आयरन

आयरन की कमी से फ्रैक्चर को ठीक होने में देर लगती है। यह फ्रैक्चर वाली जगह पर ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है, जिससे उन्हें ठीक होने में मदद मिलती है। आयरन के लिए लाल मांस, चिकन या टर्की, ऑयली फिश, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे, सूखे मेवे, साबुत अनाज खाएं।

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Content Editor

Charanjeet Kaur

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