गणेश चतुर्थी के 10 दिनों में भूलकर भी ना करें ये काम

punjabkesari.in Friday, Sep 10, 2021 - 05:54 PM (IST)

गणेश चतुर्थी का पर्व सभी हिंदुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह 10 दिनों तक चलने वाला त्योहार है जो 10 सितंबर से शुरू होता है और 21 सितंबर 2021 को समाप्त होगा। पहले दिन से विसर्जन तक, भक्त दिन भर उपवास रखते हैं, प्रार्थना करते हैं। मान्यता है कि इस व्रत से खुश होकर भगवान गणेश धन, ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि का वरदान देते हैं। साथ ही इससे संतान निरोगी, दीर्घायु और सभी कष्ट से मुक्त रहते हैं लेकिन व्रत का पूरा फल पाने के लिए कुछ नियमों का पालन भी करना भी जरूरी है।

बप्पा को घर ला रहे हैं तो इन बातों का रखें ध्यान

- हम भगवान गणेश को आमंत्रित करते हैं और उनकी मूर्ति को घर लाते हैं इसलिए सभी दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करने की सलाह दी जाती है।
- गणेशजी हमारे अतिथि हैं इसलिए सात्विक भोजन तैयार करें और घर में बनने वाली प्रत्येक व्यंजन सबसे पहले उन्हें भोग लगाएं।
- मूर्ति को विसर्जन के लिए ले जाने से पहले घर पर ही पूजा, आरती और भोग करें।
- मूर्ति मिट्टी की होनी चाहिए और रंग प्रकृति के अनुकूल होने चाहिए।
- अगर आस-पास कोई पवित्र जलस्रोत नहीं हैं तो गणेश जी की मूर्ति को घर में ही बाल्टी, ड्रम या मिट्टी में विसर्जित करें।
- अगर घर पर संभव न हो तो मूर्ति को विसर्जन के लिए पास के किसी प्राकृतिक जलाशय में ले जाएं।

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क्या न करें?

-बिना आरती, भोजन व प्रसाद के भगवान गणेश को विदाई न दें।
- अनुचित समय पर विसर्जन जुलूस शुरू न करें। शुभ मुहूर्त का पालन करें।
- विसर्जन के समय मूर्ति का निर्माण करते समय घर का दरवाजा बंद न करें। कोशिश करें कि एक व्यक्ति घर पर मौजूद हो।
- बड़ी मूर्तियों को किनारे के पास विसर्जित न करें बल्कि नदी के बीचो-बीच बहाएं।

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व्रत में तुलसी का प्रयोग वर्जित

भगवान गणेश के व्रत में तुलसी का इस्तेमाल नहीं किया जाता इसलिए पूजा, प्रसाद या घर पर पकने वाले भोजन में तुलसी ना डालें।

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बुजुर्गों का सम्मान

सिर्फ गणेश चतुर्थी ही नहीं बल्कि किसी भी दिन बुजुर्ग व्यक्ति या ब्राह्मण का अपमान ना करें। ऐसा करने से सिर्फ बप्पा ही नहीं बल्कि सभी देवी-देवता रुष्ट रहते हैं। साथ ही किसी भी व्यक्ति से अपशब्द ना बोलें।

ना करें इन चीजों का सेवन

शास्त्रों के अनुसार, गणेश चतुर्ती के 10 दिनों में भूमि के अंदर उगने वाले कंद मूल जैसे प्याज-लहसुन, मूली, चुकंदर, गाजर का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा मांस-मछली, शराब, नशीली चीजें और तामसिक भोजन से भी दूरी बनाकर रखें।

दान करें ये चीजें

व्रत में अन्न, नमक, गुड़, तिल, कपड़े, गौघृत, चांदी और शक्कर का दान करना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन गौ और हाथी को गुड़ खिलाने से अकालमृत्यु का भय नहीं रहता।

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Content Writer

Anjali Rajput

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