फाल्गुन अमावस्या पर किया पितरों को दान दिलवाएगा मोक्ष, जानें पूजा की विधि

punjabkesari.in Saturday, Mar 02, 2024 - 06:16 PM (IST)

हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, हर महीने की कृष्ण पक्ष का 15वां दिन अमावस्या का कहलाता है। इस दिन पितरों को तर्पण, श्राद्ध, विष्णु और भगवान शिव की पूजा करनी बहुत शुभ मानी जाती है। फाल्गुन अमावस्या बहुत ही खास मानी जाती है क्योंकि इससे एक दिन पहले महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। अमावस्या वाले दिन सूर्य और चंद्रमा साथ रहते हैं। इस दिन कोई शुभ कार्य भी नहीं करना चाहिए। अमावस्या वाले दिन गंगा स्नान-दान करने से जीवन के दोष दूर होते हैं और सुख-समृद्धि व सौभाग्य प्राप्त होता है। लेकिन इस साल फाल्गुन अमावस्या कब है और इस दिन पूजा का मुहूर्त क्या है आज आपको बताएंगे। आइए जानते हैं। 

10 मार्च को फाल्गुन अमावस्या 

फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च रविवार को पड़ रही है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो जिस दिन सूर्य और चंद्रमा एक राशि में होते हैं उसी दिन अमावस्या तिथि होती है। इस दिन सूर्य चंद्र और शनि तीनों कुंभ राशि में विराजमान होंगे। पंचागों के मुताबिक, फाल्गुन अमावस्या 09 मार्च को शाम 06:17 पर शुरु होगी और अगले दिन  10 मार्च 2024 को दोपहर 02:29 पर खत्म होगी। ऐसे में इस दिन स्नान दान का मुहूर्त सुबह 04:49 से लेकर 05:48 तक का है। 

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अमावस्या का महत्व 

हिंदू धर्मग्रंथों की मानें तो इस दिन देवी-देवताओं का पूजा करने और पवित्र नदियों में स्नान करने से पू्वर्जों को मोक्ष मिलता है। जीवन में आने वाले दुख, गरीबी और परेशानियां भी दूर होती हैं। पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान, व्रत, तर्पण, श्राद्ध के लिए भी अमावस्या के दिन बहुत शुभ होता है। शास्त्रों में अमावस्या का दिन शनिदेव का माना जाता है। ऐसे में इस दिन स्नान दान करके आप शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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पितृ दोष से मिलेगा छुटकारा 

पितृ दोष और कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए इस दिन आप कुछ उपाय कर सकते हैं। इस दिन पितृ स्त्रोत और पितृ कवच का पाठ करें। फाल्गुन अमावस्या वाले दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाने और पितरों को तर्पण करने से उनकी कृपा बनी रहती है और कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है। 

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palak

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