नवरात्रि के पहले दिन इस तरह करें पूजा, मां शैलपुत्री देंगी अपार आशीर्वाद और समृद्धि!
punjabkesari.in Sunday, Mar 23, 2025 - 12:11 PM (IST)

नारी डेस्क: चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत रविवार, 30 मार्च से हो रही है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विशेष महत्व है। यह दिन देवी दुर्गा के पहले रूप मां शैलपुत्री को समर्पित होता है। मां शैलपुत्री का जन्म पर्वतराज हिमालय की बेटी के रूप में हुआ था, इसलिए इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है।
मां शैलपुत्री का स्वरूप
मां शैलपुत्री का रूप शांत और सरल है। उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल होता है। वे वृषभ (बैल) पर सवार होती हैं, जो शिव का ही रूप है। उनका स्वरूप तपस्विनी और वन्य जीवों की रक्षक है। इनकी पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पूजन विधि
सबसे पहले पूजा से पहले स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें। फिर एक चौकी पर मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर रखें। शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करें और मां शैलपुत्री का ध्यान करके पूजा शुरू करें। पूजा विधि में षोड्शोपचार विधि से पूजा करें, जिसमें नदियों, तीर्थों और दिशाओं का आह्वान किया जाता है। पूजा के दौरान सफेद, लाल या पीले फूल चढ़ाएं, धूप-दीप जलाएं और 5 दीपक रखें। इसके बाद मां शैलपुत्री की आरती करें। साथ ही, आप दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती का पाठ भी कर सकते हैं।
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मां शैलपुत्री के प्रिय भोग
मां शैलपुत्री को सफेद रंग बहुत प्रिय है। इसलिए सफेद रंग की चीजें जैसे सफेद फूल, वस्त्र, मिष्ठान आदि पूजा में अर्पित करें। खासकर, जो कुंवारी कन्याएं मां शैलपुत्री की पूजा करती हैं, उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है।
पूजा मंत्र
मां शैलपुत्री के पूजन में इन मंत्रों का जाप करें-
"प्रफुल्ल वंदना पल्लवाधरां कातंकपोलां तुंग कुचाम्..."
"या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता..."
"ओम् शं शैलपुत्री देव्यै: नम:"
घटस्थापना के मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन 30 मार्च को घटस्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त होंगे: सुबह 6:13 से 10:22 तक अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59 से दोपहर 12:49 तक
इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा से घर में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और मानसिक शांति बनी रहती है।