चुपके से आंखों की रौशनी छीन रही है ये दवा! कहीं आप भी तो नहीं कर रहे इस्तेमाल
punjabkesari.in Thursday, Mar 20, 2025 - 01:23 PM (IST)

नारी डेस्क: क्या आप भी ऐसी दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं जो धीरे-धीरे आपकी आंखों की रोशनी छीन सकती है? जी हां, ये एक हकीकत है! कई लोग बिना जानें इस खतरनाक दवा का सेवन कर रहे हैं, जो आंखों की रौशनी पर बुरा असर डाल सकती है। आज हम आपको बताएंगे कि कौन सी दवाएं हैं, जिनसे आपकी आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है। इसलिए, अगर आप भी किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें, ताकि आप जान सकें कि किस दवा से बचना चाहिए और किसका सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए।
स्टेरॉयड, जो कि आमतौर पर सूजन और एलर्जी कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, अगर इन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के या लंबे समय तक लिया जाए, तो यह आंखों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। यह दवा टेबलेट, इंजेक्शन, क्रीम और आई ड्रॉप्स के रूप में उपलब्ध होती है।
आंखों की बीमारियों का खतरा
एम्स (AIIMS) के डॉक्टरों का कहना है कि स्टेरॉयड का लंबे समय तक इस्तेमाल आंखों की गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है। विशेष रूप से, अगर आप स्टेरॉयड से युक्त इनहेलर, नेजल स्प्रे, या त्वचा की क्रीम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह आपके ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचा सकता है। ऑप्टिक नर्व आंखों को मस्तिष्क से जोड़ने का काम करती है, और इसका नुकसान होने पर, आंखों की रोशनी वापस नहीं लौट सकती है।
ये भी पढ़ें: 43 साल की उम्र में भी दीया मिर्जा दिखती हैं 23 की, जानिए उनकी खूबसूरती और फिटनेस का राज
ग्लूकोमा और आंखों का दबाव
स्टेरॉयड के लगातार इस्तेमाल से आंखों में दबाव बढ़ सकता है, जिससे ग्लूकोमा जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। यह बीमारी शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखाती, लेकिन जब समस्या बढ़ जाती है तो एक आंख से दिखाई देना बंद हो सकता है।
तनाव का प्रभाव
इसके अलावा, तनाव भी आंखों के दबाव को बढ़ा सकता है। तनाव के कारण शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे आंखों का प्रेशर बढ़ता है और काला मोतिया (ग्लूकोमा) होने का खतरा बढ़ जाता है। सामान्य स्थिति में आंखों का दबाव 10-21mm Hg होता है, लेकिन तनाव के कारण यह बढ़ सकता है।
सावधानी बरतें
डॉक्टर्स का कहना है कि यदि आप स्टेरॉयड दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इस पर सावधानी बरतें। इसका लंबे समय तक या बिना डॉक्टर की सलाह के इस्तेमाल से बचें। इसके अलावा, मानसिक तनाव से भी बचना चाहिए ताकि आंखों पर किसी प्रकार का अतिरिक्त दबाव न पड़े।