कूल दिखने के चक्कर में कहीं कर ना लेना किडनी-लिवर खराब, सिगरेट से ज्यादा जानलेवा है Vaping

punjabkesari.in Friday, Mar 07, 2025 - 02:14 PM (IST)

नारी डेस्क:  आजकल कई लोग पारंपरिक सिगरेट छोड़कर वेपिंग (Vaping) और ई-सिगरेट (E-Cigarettes)  का उपयोग करने लगे हैं, यह सोचकर कि यह एक सुरक्षित विकल्प है। लेकिन वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि लंबे समय तक वेपिंग करने वालों को भी वही गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जो सामान्य सिगरेट पीने वालों को होती हैं।  स्कूल, कॉलेज और ऑफिस में बच्चे खुद को कूल दिखने के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं। समझिए ये शरीर के लिए कितना है खतरनाक। 

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क्या होती है वैपिंग

वास्तव में यह भी एक प्रकार की ई सिगरेट ही होती है यह उतनी ही हानिकारक है जितनी बीड़ी, सिगरेट या कोई और तंबाकू उत्पाद। वैपिंग सिगरेट की तरह ही अंदर खींचा जाता है, मगर इसमें धुएं के बजाय कुछ लिक्विड कण होते हैं। निकोटीन और टेस्ट (ई-तरल) की धुंध को सांस के जरिए अंदर लेने के लिए एक छोटे हैंडहेल्ड डिवाइस (जैसे ई-सिगरेट, वेप पेन या मोड) का यूज किया जाता है।  बैटरी की मदद से चार्ज होने वाले इस डिवाइस में लिक्वि होता है, जो इस्तेमाल के दौरान गर्म होकर हवा में उड़ता है। इसे बार बार चार्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें 8 से 10 सिगरेट के समान कश मौजूद होते हैं।


 वेपिंग से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य जोखिम

डिमेंशिया (स्मृति लोप) का खतरा: ई-सिगरेट में मौजूद निकोटीन दिमाग की रक्त धमनियों (Blood Vessels) को संकुचित करता है, जिससे दिमाग तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती।   यह याद्दाश्त कमजोर करने, सोचने-समझने की क्षमता घटाने और डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) का कारण बन सकता है।  

हृदय रोग (Heart Disease) का खतरा: वेपिंग करने से धमनियों की दीवारें कमजोर हो जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। निकोटीन और अन्य हानिकारक रसायन हृदय की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे *कोलेस्ट्रॉल जमा हो सकता है और ब्लॉकेज बन सकता है।

अंग विफलता (Organ Failure) का खतरा : लंबे समय तक वेपिंग करने से फेफड़ों, किडनी और लिवर जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचता है। इसके इस्तेमाल से फेफड़ों की क्षमता कम हो जाती है, जिससे सांस लेने में समस्या और गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।  लिवर और किडनी पर विषाक्त पदार्थों (Toxins) का प्रभाव बढ़ जाता है, जिससे अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर सकते हैं।  

रक्त संचार (Blood Flow) की समस्या : ई-सिगरेट में मौजूद रसायन रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण कर देते हैं, जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है।  खराब रक्त प्रवाह से हृदय, दिमाग और अन्य अंगों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं।  

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नई पीढ़ी में बढ़ रहा इसका क्रेज

 ई-सिगरेट के रूप में भी जाना जाता है, वैप्स एक तरल को गर्म करते हैं - आमतौर पर निकोटीन युक्त - इसे एक वाष्प में बदल देते हैं जिसे उपयोगकर्ता सांस लेते हैं। धूम्रपान करने वालों को छोड़ने में मदद करने के लिए उन्हें व्यापक रूप से एक उत्पाद के रूप में देखा जाता है। हाई स्कूलों में वैपिंग अब नंबर व्यवहारिक मुद्दा बन गया है। अगर आप वेपिंग कर रहे हैं, तो इसे छोड़ना ही सबसे बेहतर उपाय है ताकि भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा जा सके।

 

युवाओं को नहीं है इसके खतरे की जानकारी 

एक सर्वेक्षण के मुताबिक जानकारी नहीं होने से 14 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों के वेपिंग या नशीले पदार्थ वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लेने की काफी संभावना है। 37 प्रतिशत ने इसे ‘‘मध्यम रूप से हानिकारक'' माना, लेकिन नुकसान की प्रकृति के बारे में समझ का अभाव था। सर्वेक्षण में पाया गया कि केवल 11 प्रतिशत बच्चों ने वेपिंग और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को हानिकारक के रूप में सही ढंग से पहचाना। ‘बच्चों के इतने बड़े प्रतिशत को वेपिंग के हानिकारक प्रभावों से अनजान देखना बहुत परेशान करने वाला है। 
 


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Content Writer

vasudha

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