अलविदा दिलों की धड़कन जुबिन गर्ग, अंतिम संस्कार से पहले सिंगर के लिए गए Footprints
punjabkesari.in Monday, Sep 22, 2025 - 05:03 PM (IST)

नारी डेस्क: सोमवार को असम के लोकप्रिय गायक ज़ुबीन गर्ग को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए भावुक प्रशंसक अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में उमड़ पड़े। परिसर के बाहर की तस्वीरों में बड़ी संख्या में लोग संगीत जगत के इस दिग्गज के अंतिम दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़े दिखाई दे रहे हैं। ज़ुबीन गर्ग के दुखद निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रशंसक स्पष्ट रूप से दुखी दिखाई दिए।
एक प्रशंसक ने ANI से बात करते हुए कहा, "मैं क्या कहूं? मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं। पूरा राज्य शोक में है। जब से हमने यह खबर सुनी है, हम सब रो रहे हैं। यह सभी के लिए एक सदमा था। वह सभी के प्रिय थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।" एक अन्य प्रशंसक गायिका के निधन पर रोते हुए दिखाई दिए। उन्होंने कहा- "यह एक दुखद क्षण है। वह एक अच्छे इंसान थे। हम निःशब्द हैं," ।
फैंस ने अपने चहेते सिंगर की उनकी लेगेसी को बचाने की कोशिश करते हुए एक बड़ा कदम उठाया गया है। अंत्येष्टि से पहले जुबिन के पांव के निशान लिए गए और उसका इम्प्रिंट बनाया गया है। कलाकार दिगांता भारती ने जुबिन के कहिलीपारा स्थित घर पर उनके पैरों का निशान लिया। ज़ुबीन गर्ग का अंतिम संस्कार मंगलवार, 23 सितंबर को सोनापुर के कमरकुची गांव में किया जाएगा।
मीडिया को संबोधित करते हुए, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा- "हम 23 सितंबर को सुबह लगभग 8 बजे अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से जुबीन गर्ग के पार्थिव शरीर को कमरकुची ले जाएंगे, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 23 सितंबर को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।" उन्होंने गर्ग के मृत्यु प्रमाण पत्र के बारे में भी बताया, जिसमें मृत्यु का कारण "डूबना" बताया गया है।
सीएम ने कहा- "सिंगापुर उच्चायोग ने जुबीन गर्ग का मृत्यु प्रमाण पत्र भेजा है, और उसमें मृत्यु का कारण डूबना बताया गया है। लेकिन यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट अलग है, और मृत्यु प्रमाण पत्र भी अलग है। हम दस्तावेज़ सीआईडी को भेजेंगे। असम सरकार के मुख्य सचिव जल्द से जल्द पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए सिंगापुर के राजदूत से संपर्क कर रहे हैं।" जुबीन गर्ग पूर्वोत्तर भारत महोत्सव के लिए सिंगापुर में थे। उनके पार्थिव शरीर को विमान से दिल्ली लाया गया और बाद में असम ले जाया गया।