इस दिन है Dwadashi Shradh, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि

punjabkesari.in Monday, Oct 09, 2023 - 07:15 PM (IST)

द्वादशी श्राद्ध भी श्राद्ध की तरह पितरों की आत्मा की शांति के लिए होता है। ये  उन मृत परिजनों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु द्वादशी तिथि पर हुई हो। इस दिन शुक्ल और कृष्ण दोनों की पक्षों की द्वादशी तिथि का श्राद्ध किया जा सकता है। इसके अलावा श्राद्ध उन आत्माओं के लिए भी किया जाता है जिन्होंने मृत्यु से पहले सन्यास ग्रहण कर लिया हो। बाता पितृ पक्ष 2023 में द्वादशी श्राद्ध बुधवार 11 अक्टूबर को किया जाएगा। इस दिन श्राद्ध की तरह की तर्पण और दान की परंपरा है। आइए आपको बताते हैं द्वादशी श्राद्ध के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...

PunjabKesari

द्वादशी श्राद्ध 2023 समय और शुभ मुहूर्त


द्वादशी श्राद्ध बुधवार- अक्टूबर 11, 2023

कुतुप मूहूर्त – 12:02 पी. एम से 12:49 पी. एम

अवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्स

रौहिण मूहूर्त – 12:49 पी. एम से 01:36 पी. एम

अवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्स

अपराह्न काल – 01:36 पी. एम से 03:57 पी. एम

अवधि – 02 घण्टे 22 मिनट्स

द्वादशी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 10, 2023 को 03:08 पी एम बजे

द्वादशी तिथि समाप्त – अक्टूबर 11, 2023 को 05:37 पी एम बजे

PunjabKesari


द्वादशी श्राद्ध की पूजा विधि

पितृ पक्ष में द्वादशी श्राद्ध कर्म करते समय पितरों को सही विधि के साथ जल अर्पित करना चाहिए। तभी उनकी आत्मा तृप्त होती है। ऐसे में द्वदशी श्राद्ध के दिन पितरों के निमित्त, तिल के तेल का दीपक जलाएं, सुगंधित धूप जलाएं, जल में मिश्री और तिल मिलाकर तर्पण करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार द्वादशी श्राद्ध के मौके पर दान- पुण्य के साथ पितरों के निमित्त भगवान के दसवें अध्याय का पाठ करें। इसके साथ ही श्राद्धकर्म के बाद दस ब्राह्मणों को इस दिन भोजन कराएं। अगर आप दस ब्राह्मणों को भोजन नहीं खिला पा रहे तो कम से कम एक ब्राह्मण को जरूर भोजन कराएं। इसके अलावा इस दिन कौआ, गाय, कुत्ता और चींटियों के लिए भी भोजन निकालें और अपने हाथों से उन्हें खिलाएं। द्वादशी श्राद्ध के दिन अन्न और धन का दान जरूरतमंदों को करें।

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Charanjeet Kaur

Related News

static