इस बार चैत्र नवरात्रि 9 नहीं बल्कि होगी 8 दिन की, जानें इसके पीछे की वजह
punjabkesari.in Friday, Mar 28, 2025 - 05:04 PM (IST)

नारी डेस्क: इस साल चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रही है। यह पर्व मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा का होता है, जिसमें पूरे विधि-विधान के साथ देवी की आराधना की जाती है। नवरात्रि के दौरान यदि हम सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा करते हैं, तो हमारी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नवरात्रि के आठवें और नौवें दिन की विशेषता
नवरात्रि का आठवां और नौवां दिन विशेष महत्व रखते हैं, क्योंकि इन दोनों दिनों में कन्या पूजन किया जाता है। इस साल एक विशेष स्थिति उत्पन्न हो रही है, क्योंकि अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन, यानी 5 अप्रैल को पड़ रही है।
अष्टमी और नवमी एक ही दिन क्यों?
इस बार पंचमी तिथि का क्षय हो रहा है, जिसके कारण अष्टमी और नवमी तिथि का संयोग एक साथ बन रहा है। इसका मतलब यह है कि नवरात्रि इस बार 9 दिन नहीं बल्कि 8 दिन की होगी।
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चैत्र नवरात्रि का घटस्थापना मुहूर्त 2025
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना से होती है, जिसमें कलश की स्थापना की जाती है। इस बार 30 मार्च को कलश स्थापना का मुहूर्त सुबह 6 बजकर 13 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
अष्टमी पूजा के लिए कुछ खास मंत्र
अष्टमी मंत्र :महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
बीज मंत्र: श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
पूजन मंत्र: श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव-प्रमोद-दा।।
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।
चैत्र नवरात्रि के दौरान व्रत के नियम
तामसिक भोजन से बचें: नवरात्रि के समय तामसिक भोजन जैसे मांसाहार, शराब, तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए।
नाखून और बाल काटने से बचें: नवरात्रि के दौरान नाखून, बाल और दाढ़ी नहीं काटनी चाहिए।
खास खाद्य पदार्थों से परहेज: 9 दिनों तक सरसों और तिल का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत के दौरान केवल सेंधा नमक का सेवन करें।
चमड़े से बनी चीजों का प्रयोग न करें: चमड़े की चीजों का उपयोग न करें और काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
घर की सफाई पर ध्यान दें: नवरात्रि के दौरान घर की सफाई का विशेष ध्यान रखें और किसी से झूठ या अपशब्द न बोलें।
चैत्र नवरात्रि का पर्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धता का भी प्रतीक है। यह समय है जब हम अपने भीतर के नकारात्मक विचारों को त्याग कर सकारात्मकता की ओर बढ़ते हैं। यह हमें जीवन में नए लक्ष्य और उद्देश्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।