Ambedkar Jayanti 2022: बाबा साहेब के ये विचार अपनाकर आप भी अपने जीवन को बनाएं बेहतर

punjabkesari.in Thursday, Apr 14, 2022 - 11:24 AM (IST)

14 अप्रैल के दिन देश के पहले कानून मंत्री डॉ बाबा साहेब अंबेडकर का जन्म हुआ था। उन्होंने देश के दलित समाज के उत्थान के लिए काम किया। वे  जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों को मिटाने के लिए लड़े। इसलिए हर साल अंबेडकर के जन्मतिथि को भारत देशभर समानता और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस खास दिन पर ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा में 'अंबेडकर समानता दिवस' के रूप में मनाते हैं। बाबा साहेब ने एक ऐसे भारत की कल्पना की थी जहां सभी नागरिकों को समान अधिकार मिले। उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत देश की आजादी के लिए एक अभियान भी चलाया था।

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डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्मदिन 14 अप्रैल को 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। बाबा साहेब को भारतीय संविधान के पिता के रूप में सम्मानित किया गया था। क्योंकि उनकी अध्यक्षता में ही संविधान सभा ने विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान तैयार किया था। उन्होंने स्कूल में छुआछूत और जाति-पाति का भेदभाव झेला। अपने रास्ते में आने वाली परेशानियां को दूर करते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी कि और कुल  32 डिग्री हासिल की। डॉक्टर भीम राव अंबेडकर ने विदेश से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। उसके बाद उन्होंने देश के दलित समाड के कल्याण के लिए कम किया। संविधान सभा के अध्यक्ष बने और आजादी के बाद भारत के संविधान के निर्माण में अपना खास योगदान दिया। जीवन में संघर्षों को पार करते हुए उनकी सफलता हर किसी के लिए प्रेरणा स्वरूप है। ऐसे में आज डॉ अंबेडकर जयंती के खास मौके पर आज हम आपको उनके कुछ अनमोल विचार बताते हैं, जिसे अपने अपनाकर हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं...

 

. समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।


. जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है, वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है।


. जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिए बेईमानी है।


. जीवन लंबा होने के बजाए महान होना चाहिए।


. शिक्षित बनो, संगठित रहो और उत्तेजित बनो।

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. धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए।


. अपने भाग्य के बजाए अपनी मजबूती पर विश्वास करो।


. एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है कि वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है।


. यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।  


. वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास भूल जाते हैं।

 


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neetu

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