आंखों में जलन, सांसों में घुटन…प्रदूषण से हालत खराब, लगातार AQI 400 के पार
punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 01:43 PM (IST)
नारी डेस्क: दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। राजधानी में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि सांस लेना मुश्किल हो गया है। सोमवार को भी कई इलाकों में AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है।
एयर क्वालिटी की स्थिति
सबसे अधिक प्रभावित इलाके हैं बवाना (AQI 427), जहांगीरपुरी (407), नरेला (406), रोहिणी (404) और वजीरपुर (401)। DTU क्षेत्र का AQI भी 403 है। इसके अलावा अलीपुर, आनंद विहार, अशोक विहार, आया नगर, बुराड़ी क्रॉसिंग, चांदनी चौक, मथुरा रोड, करणी सिंह, द्वारका-सेक्टर 8, आईटीओ, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नजफगढ़ और नॉर्थ कैंपस में भी AQI 300 से ऊपर है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का गंभीर संकट सोमवार सुबह भी जारी रहा। राजधानी के ज़्यादातर इलाकों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई जबकि कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर श्रेणी (Severe Category) तक पहुंच गया जिससे दिल्लीवासियों… pic.twitter.com/Nsiy81kEpm
— Punjab Kesari (@punjabkesari) November 17, 2025
पड़ोसी शहरों की स्थिति
दिल्ली के आस-पास के शहरों की हवा भी खराब बनी हुई है। गाजियाबाद का AQI 395, नोएडा का 361, और गुरुग्राम का 262 दर्ज किया गया। कुल मिलाकर, पूरे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हवा का स्तर गंभीर स्थिति में है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
बढ़ते प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन, खांसी और सिरदर्द जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से बच्चे, बुजुर्ग और फेफड़ों या हृदय रोग से पीड़ित लोग इससे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
धुंध की परत से शकूरपुर और आसपास के क्षेत्र ढके हुए हैं।
— Soil and Salute 🇮🇳 (@RishiRahar) October 21, 2024
AQI 346 तक गिर गया है।
किसानों ने पराली जलानी शुरू भी नहीं की, अब यह इल्जाम किस पर लगाओगे।
उद्योगपतियों पर इल्जाम नहीं लगेगा क्योंकि फैक्टरियों से तो ऑक्सीजन निकलती है। pic.twitter.com/Llt97KHLRT
मौसम की स्थिति
दिल्ली में ठंड भी बढ़ रही है। न्यूनतम तापमान अब 9 डिग्री सेल्सियस पर पहुँच गया है, जबकि अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना है, जिससे ठंड और बढ़ सकती है।
सावधानियों की जरूरत
विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय लोगों को मास्क पहनना, बाहर अनावश्यक समय न बिताना, और घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा, बच्चों और बुजुर्गों को बाहर कम से कम भेजा जाए।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण और स्वास्थ्य पर असर
दिल्ली-एनसीआर में हवा में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। बढ़ते प्रदूषण का सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। यहां पर लोग कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं, खासकर बच्चे, बुजुर्ग और फेफड़ों या हृदय से जुड़ी बीमारियों वाले लोग।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का गंभीर संकट सोमवार सुबह भी जारी रहा। राजधानी के ज़्यादातर इलाकों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई जबकि कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर श्रेणी (Severe Category) तक पहुंच गया जिससे दिल्लीवासियों… pic.twitter.com/Nsiy81kEpm
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सांस लेने में कठिनाई
प्रदूषित हवा में धूल, स्मॉग और जहरीले कण (PM2.5 और PM10) होते हैं। ये कण फेफड़ों में जाकर सांस लेने में तकलीफ, खांसी और गले में जलन पैदा करते हैं। लंबे समय तक इस हवा में रहने से दमा और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
आंखों में जलन और परेशानी
उच्च प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, खुजली, लालिमा और पानी आना जैसी समस्याएँ बढ़ जाती हैं। ये स्थिति विशेषकर उन लोगों में ज्यादा होती है जो लंबे समय तक बाहर रहते हैं।
हृदय और रक्त संचार संबंधी समस्याएं
प्रदूषण के छोटे कण रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और हृदय को प्रभावित कर सकते हैं। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ना, दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
त्वचा और एलर्जी की समस्याएं: प्रदूषित हवा त्वचा पर भी असर डालती है। इससे त्वचा का रूखापन, खुजली और एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
मानसिक और शारीरिक थकान: धुंध और प्रदूषण के कारण शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे लोग जल्दी थक जाते हैं और सिरदर्द या चिड़चिड़ापन महसूस कर सकते हैं।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण और स्वास्थ्य पर असर
दिल्ली-एनसीआर में हवा में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। बढ़ते प्रदूषण का सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। यहां पर लोग कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं, खासकर बच्चे, बुजुर्ग और फेफड़ों या हृदय से जुड़ी बीमारियों वाले लोग।
सांस लेने में कठिनाई
प्रदूषित हवा में धूल, स्मॉग और जहरीले कण (PM2.5 और PM10) होते हैं। ये कण फेफड़ों में जाकर सांस लेने में तकलीफ, खांसी और गले में जलन पैदा करते हैं। लंबे समय तक इस हवा में रहने से दमा और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
आंखों में जलन और परेशानी
उच्च प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, खुजली, लालिमा और पानी आना जैसी समस्याएँ बढ़ जाती हैं। ये स्थिति विशेषकर उन लोगों में ज्यादा होती है जो लंबे समय तक बाहर रहते हैं।
हृदय और रक्त संचार संबंधी समस्याएं
प्रदूषण के छोटे कण रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और हृदय को प्रभावित कर सकते हैं। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ना, दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
त्वचा और एलर्जी की समस्याएं
प्रदूषित हवा त्वचा पर भी असर डालती है। इससे त्वचा का रूखापन, खुजली और एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
मानसिक और शारीरिक थकान
धुंध और प्रदूषण के कारण शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे लोग जल्दी थक जाते हैं और सिरदर्द या चिड़चिड़ापन महसूस कर सकते हैं।
सावधानियां
बाहर निकलते समय मास्क पहनें, खासकर N95 या N99 मास्क।
घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
बच्चों और बुजुर्गों को कम से कम बाहर भेजें।
बाहर व्यायाम या दौड़ने से बचें।
पौष्टिक आहार और पानी पर्याप्त मात्रा में लें।
बाहर निकलते समय मास्क पहनें, खासकर N95 या N99 मास्क।
घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
बच्चों और बुजुर्गों को कम से कम बाहर भेजें।
बाहर व्यायाम या दौड़ने से बचें।
पौष्टिक आहार और पानी पर्याप्त मात्रा में लें।

