सास की अर्थी को बहू- बेटियों ने दिया कंधा, तेहरवीं पर लगाएंगी पौधे

punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2019 - 03:19 PM (IST)

आज जब एक लड़कr घर से लेकर ऑफिस तक के हर काम के बोझ को बेखूबी निभा सकती है तो वह हर उस रस्म को निभा सकती है जिन्हें पुरुष निभाते हैं। सालों पुरानी सोच व परंपराओं को तोड़ते हुए 80 साल की मृतक रज्जी देवी पत्नी हरिचरण पटेल की अर्थी को उनकी बहू व बेटियों ने कंधा दिया । इस परंपरा को निभाने के लिए न केवल उनके परिवार के सदस्यों ने बल्कि गांव के लोगों ने भी पूरा सहयोग दिया। इस गांव में हुई यह पहली घटना नही है इससे पहले भी इन रस्मों को वहां की महिलाएं निभा चुकी हैं।

अर्थी को कंधा देकर शुरु की नई प्रथा

चिरईगांव- बरियासनपुर गांव के रहने वाले हरिचरण पटेल की पत्नी रज्जी देवी की बुधवार सुबह मृत्यु हो गई थी। उनकी शव यात्रा के दौरान उनकी अर्थी को घर के लड़कों ने न उठा कर उनके घर की बहु बेटियों ने उठाया। शव यात्रा के दौरान रज्जी देवी को उनकी बहु लल्ली देवी, रेखा, सुनीता, बेटी प्रेमा, हीरामनी, अमरावती ने कंधा दिया था। इतना ही नही शव को मुखाग्नि उनकी बड़ी बेटी प्रेमी देवी ने दी। 

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संतोरा देवी को भी महिलाओं ने दिया था कंधा 

इस घटना से पहले 22 जुलाई 2018 को जब इसी गांव में संतोरा देवी की मृत्यु हुई थी जब उनकी अर्थी को भी गांव की महिलाओं ने ही कंधा दिया था। उस समय उन्होंने एक नई प्रथा की शुरुआत की थी। इस प्रथा को बरकरार रखने के लिए वह कामरेड स्वर्गीय अयोध्या प्रसाद पटेल से प्रेरित हुए थे। 

शोकसभा पर लगाएं जाएंगें पौधे 

रज्जी देवी के पुत्र भागीरथी प्रसाद ने अनुसार फिजूल खर्ची को बचाने के लिए उनकी दसवीं व तेरहवीं का प्रोग्राम नही किया जाएगा। इतना ही नही उनकी 13 वीं पर शोकसभा कर उनकी याद में पौधे लगाएं जाएगें। 
 

 


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Content Writer

khushboo aggarwal

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