जाते साल के साथ भारत में फिर पकड़ी कोरोना ने रफ्तार, गुरुग्राम में Alert
punjabkesari.in Saturday, Dec 30, 2023 - 01:15 PM (IST)
2023 जाने के साथ फिर से कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली है। पिछले 24 घंटों में भारत में 797 मामले और 5 मौतें दर्ज की गई हैं। जेएन.1 वैरिएंट और ठंडे मौसम के चलते रोजाना के मामले धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। बढ़ते कोरोना के कारण गुरुग्राम के अस्पताल कोविड-19 के सब वैरिएंट जेएन.1 के लिए अलर्ट पर है। देश भर में इस नए वैरिएंट जेएन.1 के एक्टिव मामलों के देखते हुए गुरुग्राम की सरकार ने सारे अस्पतालों को अलर्ट रहने के लिए कहा है। गुरुग्राम में अब तक ऐसे कुल 12 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं दो लोग इंफेक्शन से उबर भी चुके हैं।
टेस्टिंग बढ़ने के कारण बढ़ रहे हैं केस
एक्सपर्ट्स की मानें तो कोरोना के बढ़ते मामलों में इजाफा टेस्ट बढ़ने के कारण हुआ है। हो सकता है कि आने वाले समय में ज्यादा इंफेक्शन इसी वैरिएंट की हो लेिकन क्लिनिकल आउटकम में अभी कुछ बदलाव नहीं हैं। वहीं पिछले कुछ महीनों में दिल्ली में भी मामले नहीं थे लेकिन अब जब से आरटीपीसीआर जांच में तेजी आई है। नए मामले बढ़ने लगते हैं। वहीं यदि जांच की संख्या बढ़ा दी जाए तो यह नंबर भी बढ़ सकते हैं। हालांकि इसमें पैनिक की कोई बात नहीं है क्योंकि संख्या भले ही बढ़ जाए परंतु वैरिएंट में गंभीर बीमारी अभी कुछ नजर नहीं आ रही।
बहुत माइल्ड है नए वैरिएंट के लक्षण
एक्सपर्ट्स की मानें तो यह ओमिक्रॉन का नया सब वैरिएंट है। यह पहले से फैले हुए वैरिएंट से ही मिलता जुलता है। अभी तक इसके बहुत ही माइल्ड केस दिख रहे हैं। इससे खांसी जुकाम हो रहा है, जब कोई इसकी जांच करेगा तो हो सकता है कि इसके मामले पॉजिटिव हो लेकिन यह खतरनाक नहीं है। मौत का खतरा भी कम है अभी जितने टेस्ट करेंगे उतने ही केस पॉजिटिव आएंगे हालांकि इसमें अभी घबराने वाली बात नहीं है। सर्दी के दिनों में वैसे भी बाकी वायरस एक्टिव हो जाते हैं इसलिए अलर्ट रहना चाहिए और बचाव के तरीके अपनाने चाहिए।
कोविड से नहीं बल्कि बीमारी से हो रही है मौत
जब भी कोई नया संक्रमण फैलता है तो हर किसी को वह संक्रमण होने का खतरा रहता है। ऐसे में जो लोग कैंसर, हार्ट, लिवर फेल, किडनी फेल जैसी गंभीर बीमारियों के कारण अस्तपाल में एडमिट हैं उन्हें इसका ज्यादा खतरा रहता है। हो सकता है कि उनकी मौत अपनी बीमारी के कारण हुई हो लेकिन जांच में यदि मरीज कोविड पॉजिटिव आए हैं तो उन मौतों को कोविड से होने वाली मौतों में ही शामिल कर दिया जाता है। वहीं अभी जो मौतों के मामले सामने आए हैं उसी वजह से ही हैं।
ऐसे पता चलता है वैरिएंट का
जेएन.1 वैरिएंट का इस टेस्ट से पता नहीं चलता है कि इसके लिए जिनोम सिक्सवेसिंग की जरुरत होती है जो गिनती की सैंपल की जांच की जाती है जिनोम जांच में ही इस वैरिएंट का पता चलता है।