हनुमान जी के इस मंदिर में लगती है ''प्रेतों की कचहरी'', यहां जंजीरों में बांधे जाते हैं ''भूत''
punjabkesari.in Saturday, Apr 12, 2025 - 10:07 AM (IST)

नारी डेस्क: हनुमान जयंती के पावन मौक पर आज हम हनुमान जी के उस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भूत-प्रेत खुद गवाही देने लगते हैं। हम बात कर रहे हैंराजस्थान के दौसा ज़िले में स्थित अत्यंत प्रसिद्ध और रहस्यमयी धाम "मेहंदीपुर बालाजी मंदिर" के बारे में। यह स्थान भारत में भूत-प्रेत बाधा और तांत्रिक दोष से मुक्ति दिलाने के लिए जाना जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं इस धाम की शक्तियों और परंपराओं के बारे में।
प्रेतों की लगती है कचहरी
यहां बालाजी महाराज (हनुमान जी) को भूत-प्रेतों के नाशक के रूप में पूजा जाता है। देशभर से हजारों लोग यहां आते हैं जो किसी मानसिक पीड़ा, प्रेत बाधा, जादू-टोना जैसी समस्याओं से ग्रसित होते हैं। ऐसा माना जाता है कि प्रेतात्माएं खुद यहां उपस्थित होती हैं, और बालाजी की कृपा से उन्हें मुक्ति मिलती है। मंदिर प्रांगण में हर समय एक अनदेखी अदालत सी चलती है, जिसे लोग प्रेतों की कचहरी कहते हैं।
तीन प्रमुख देवताओं की होती है पूजा
यहां श्री बालाजी (हनुमान जी), भैरव बाबा और कोटवाल भैरवजी की पूजा होती है। इन तीनों की पूजा विशेष तंत्र विधियों से होती है, जिनका उद्देश्य है रक्षा, शुद्धि और मुक्ति। यहांश्रद्धालु दूर से ही दर्शन करते हैं और भोग चढ़ाते हैं। कई बार देखा गया है कि ग्रसित व्यक्ति मंदिर के पास जाते ही चिल्लाने, कांपने या उल्टे-सीधे बोलने लगता है, यह हनुमान जी की उपस्थिति का प्रभाव माना जाता है।

इस मंदिर में है रुकने की मनाही
मंदिर में पूजा के बाद पीछे मुड़कर देखने की मनाही है। यहां से लौटते समय किसी को कुछ नहीं देना और न ही खाना खाना के नियम है। माना जाता है कि यहां जिन पर प्रेत बाधा होती है, उनके शरीर से कभी चीख, कभी हसी, कभी भयानक हरकतें अपने आप होती हैं। पुजारी विशेष पूजा से उस आत्मा को बालाजी महाराज के चरणों में समर्पित कर मुक्ति दिलाते हैं। यहां की भैरव पूजा और नींबू-मिर्च साधना बहुत शक्तिशाली मानी जाती है।

मंदिर के महत्वपूर्ण नियम
मंदिर परिसर में फोटो-वीडियो लेना मना है। तांत्रिक या झाड़-फूंक वाले कार्य केवल वहां के अधिकृत पुजारी करते हैं। यहां के नियम और मर्यादाएं बहुत सख्त हैं, इसलिए हर श्रद्धालु को नियमों का पालन करना चाहिए। बताया तो यह भी जाता है कि इस मंदिर में लोगों को जंजीरों से बांधकर बुरी आत्मा को पीटा जाता है और फिर वो भाग जाती है, लोग यहां खुदपर उबलता पानी भी डालते हैं और दूर तक इसकी चीख सुनाई देती है, फिर भी यहां हजारों की संख्या में लोग यहां आते हैं।