छोटी दिवाली की रात कर लें ये उपाय, अंजनी पुत्र हनुमान जी संवार देंगे सभी बिगड़े काम
punjabkesari.in Sunday, Oct 19, 2025 - 02:33 PM (IST)

नारी डेस्क: आज देश भर में छोटी दिवाली मनाई जा रही है, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। यह खुशियों और नई उम्मीदों का त्योहार है। नरक चतुर्दशी पर हनुमान जी की पूजा का विधान है, इसे काली चौदस भी कहते हैं। आज भक्त मां अंजनी के लाल भगवान हनुमान का जन्मोत्सव मनाएंगे और चना-लड्डू का विशेष प्रसाद चढ़ाएंगे। आइए जानते हैं साल में दो बार क्यों मनाया जाता है हनुमान जन्मोत्सव।
अलग- अलग क्यों मनाया जाता है हनुमान जन्मोत्सव
चैत्र मास की पूर्णिमा (मार्च–अप्रैल) अधिकतर उत्तर भारत में मनाई जाती है। माना जाता है कि इसी दिन माता अंजनी ने हनुमान जी को जन्म दिया था। कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली के दिन भी दक्षिण भारत और कुछ पूर्वी राज्यों में हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन हनुमान जी को उनकी दिव्य शक्तियां प्राप्त हुई थीं। इसलिए, चैत्र में जन्म दिवसऔर कार्तिक में शक्ति प्राप्ति दिवस मनाया जाता है।
पूजा विधि
-सुबह स्नान के बाद लाल वस्त्र पहनें।
- हनुमान जी की मूर्ति या चित्र पर गुलाल, चंदन, लाल फूल और लाल सिंदूर चढ़ाएं।
-“ॐ हनुमते नमः” या “जय बजरंग बली” का जाप करें।
-गुड़-चना या बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं।
-अंत में हनुमान चालीसा का पाठ करें।
किस उपाय से प्रसन्न होते हैं भगवान हनुमान?
छोटी दिवाली पर आप हनुमान जी को सरसों के तेल का दीपक अर्पित करें, इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। इसके अलावा आटे का दिया बनाएं और इसमें चमेली के तेल का इस्तेमाल कर प्रज्वलित करें। इसके बाद इस दीपक को हनुमान मंदिर में रखें, इस उपाय से शनि दोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन हनुमान जी को तेल, सिंदूर और लाल वस्त्र से चोला चढ़ाने से कष्ट मिटते हैं। इसके अलावा पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से शनि के दोष और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी सबसे ज्यादा खुश तब होते हैं जब उनके आराध्य श्रीराम का नाम लिया जाए। माना जाता है कि जो व्यक्ति छोटी दिवाली पर हनुमान जी की पूजा करता है, उसके जीवन से भय, रोग, नकारात्मकता और दुर्भाग्य दूर हो जाते हैं, और घर में शक्ति, साहस और शुभता बढ़ती है।