Memory Loss Problem: दिमाग को खोखला कर रहा है मोबाइल,  अभी से चीजें भूलने लगे हैं बच्चे

punjabkesari.in Tuesday, Jul 23, 2024 - 09:13 AM (IST)

मोबाइल और इंटरनेट जहां हमारे कई चीजों में फायदेमंद है तो वहीं इसके नुकसान भी बेहद हैं।  खासकर बच्चों में , मोबाइल का अधिक उपयोग उनकी  याददाश्त और स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है।  यह महत्वपूर्ण है कि बच्चों के जीवन में संतुलन बनाकर उन्हें स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने की दिशा में मार्गदर्शन किया जाए। उपरोक्त उपायों को अपनाकर बच्चों को इस बुरी लत से बचाया जा सकता है।

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 10 में 4 युवा बन रहे  भुलक्कड़

हाल ही में एक स्टडी में दावा किया गया है कि  बड़े शहरों में 10 में 4 युवा और बच्चे मोबाइल की लत के चलते भुलक्कड़ बन रहे हैं। जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज की ओर से की गई स्टडी में कहा गया कि स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने 'वाले छात्रों में मोबाइल की लत 51 फीसदी पाई गई। घंटों मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल बच्चों के दिमाग पर असर डाल रहा है। 

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छोटी उम्र में ही बच्चों की हो रही मेमोरी लॉस

अत्यधिक फोन उपयोग और स्क्रीन टाइम के कारण कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याएं  भी हो सकती हैं, जैसे नींद की कमी, मानसिक थकान और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, जो संज्ञानात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। चिकित्सकों के मुताबिक पहले 60 साल की उम्र के बाद बुजुर्गों में डिमेंशिया के लक्षण दिखाते थे, लेकिन मोबाइल और गैजेट्स के ज्यादा उपयोग से डिमेंशिया के लक्षण बच्चों और युवाओं में देखने को मिलने लगे हैं। बच्चों में इससे मेमोरी लॉस यानी डिजिटल डिमेंशिया की समस्या आम देखने को मिल रही है। 
 

मोबाइल उपयोग के दुष्प्रभाव

याददाश्त कमजोर होना:   - ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताने से बच्चों की याददाश्त कमजोर हो सकती है। यह ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को भी प्रभावित करता है।

नींद की कमी:  रात में मोबाइल उपयोग करने से बच्चों की नींद पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे उनकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

आंखों पर प्रभाव:  मोबाइल स्क्रीन की नीली रोशनी आंखों पर बुरा असर डालती है, जिससे आंखों में थकान, सूखापन और सिरदर्द हो सकता है।

मोटापा:  ज्यादा मोबाइल उपयोग करने से बच्चों की शारीरिक गतिविधियाँ कम हो जाती हैं, जिससे मोटापा और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

सामाजिक कौशल में कमी: मोबाइल पर ज्यादा समय बिताने से बच्चों के सामाजिक कौशल भी प्रभावित होते हैं। वे असल जिंदगी में लोगों से बातचीत करने में संकोच करने लगते हैं।

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बच्चों को इस बुरी लत से बचाने के उपाय

   - बच्चों के मोबाइल उपयोग का समय सीमित करें। उन्हें हर दिन निश्चित समय पर ही मोबाइल उपयोग करने दें।

   - बच्चों को खेल-कूद और अन्य शारीरिक गतिविधियों में शामिल करें। इससे उनका समय मोबाइल से दूर रहेगा और वे स्वस्थ भी रहेंगे।

   - परिवार के साथ समय बिताने की आदत डालें। साथ में खेलें, बातचीत करें और बच्चों को मोबाइल से दूर रखें।

   - बच्चों के मोबाइल उपयोग को शिक्षात्मक और ज्ञानवर्धक गतिविधियों तक सीमित रखें। उन्हें ऐसे ऐप्स और गेम्स से दूर रखें जो केवल मनोरंजन के लिए हैं।

   - खुद भी मोबाइल का उपयोग कम करें और बच्चों के सामने एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करें। 

    - रात में सोने से पहले मोबाइल का उपयोग ना करने दें। सोने का समय निर्धारित करें और सुनिश्चित करें कि बच्चे इस नियम का पालन करें।

   - बच्चों को किताबें पढ़ने, ड्राइंग करने, संगीत सुनने आदि का विकल्प दें, जिससे वे मोबाइल की बजाय अन्य रचनात्मक गतिविधियों में शामिल हो सकें।


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Content Writer

vasudha

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