बच्चों के लिए बहुत जरूरी है दादा-दादी का साथ

punjabkesari.in Sunday, Sep 13, 2020 - 11:31 AM (IST)

दादा-दादी के लिए अगर बच्चे खिलौने होते हैं तो बच्चों के लिए सबसे अच्छे दोस्त व शिक्षक भी होते हैं। वह दादा-दादी ही होते हैं, जिनसे वह खेल ही खेल में गणित के टेबल याद करने से लेकर न्यूज पेपर तक पढ़ना सीख लेते हैं। घड़ी में वक्त देखने से लेकर कहानियां सुनते हुए इमेजिनेशन की दुनिया डिवैल्प करना सीख जाते हैं। गार्डनिंग करते हुए कुदरत से प्यार करना और दूसरों की मदद करने का जज्बा सीख पाते हैं।

दादा-दादी और पोता-पोती का रिश्ता भी ...

अपने दादा-दादी से बच्चे अपने मन की प्रत्येक बात शेयर कर लेते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि दादा-दादी ही उनकी प्रॉब्लम को दूर कर सकते हैं। स्कूल छोड़कर आने और पढ़ाई करवाते हुए वे बच्चों के जीवन में प्यार और खुशियों के पल भरते जाते हैं।

जरूरी है दादा-दादी का रिश्ता

. अपने जीवन के अनुभव कहानी के माध्यम से दादा-दादी बच्चों के साथ शेयर करते रहते हैं। इससे बच्चे काफी कुछ सीख लेते हैं।

. हर मुश्किल का हल दादा-दादी चुटकियों में ही निकाल देते हैं, जिससे बच्चे भी बड़ी से बड़ी मुश्किल का सामना करना धैर्य सहित सीख जाते हैं।

. जीवन की किताब के पन्ने पढ़ना बच्चे दादा-दादी से ही सीखते हैं। भगवान की पूजा करना, बड़ों का सम्मान करना, रिश्ते निभाना, छोटों से प्यार, अपने रीति-रिवाज और संस्कृति सबकुछ बच्चे अपने दादा-दादी से ही तो सीखते हैं।

. दादा-दादी बच्चो के रोल मॉडल होते है। बच्चे उनके व्‍यवहार, सिद्धांतों और मूल्‍यों से ही सब कुछ सीखते हैं।

बच्चों के लिए क्यों जरूरी है दादा ...

संयम रखना

आज के बच्चों में संयम देखने को नहीं मिलता क्योंकि उनकी फरमाइश पर मां-बाप उन्हें तिरंत हर चीज ले देते हैं। ऐसे में दादा-दादी ही बच्चों को संयम रखना सिखाते हैं, जोकि मन की शांति के लिए बहुत जरूरी होता है।

कहानियां सुनते हुए सीखते है शेयरिंग

दादा-दादी के पास अच्छी-अच्छी कहानियों और कविताओं का खजाना होता है। इससे वे बच्चों की पर्सनैलिटी निखारते चले जाते हैं। अपनी कहानियों से वे उन्हें अच्छी आदतें तथा अपनी बातों को परिवार से शेयर करना सीखाते हैं। वे अपनी चीजें भी दूसरों से शेयर करना सीखते हैं। कहानियां सुनते और सुनाते समय उनकी सोचने और समझने की शक्ति भी बढ़ती है। तथा वे चीजों एवं समस्याओं के बारे में अपने नजरिए से सोचना सीख जाते हैं।

अच्छी देखभाल

बच्चों के ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। पेरेंट्स बिजी लाइफ के चलते अपने बच्चों पर प्रोपर ध्यान नहीं दे पाते। ऐसे में दादी-दादी काफी काम आते है। वह बच्चों अच्छी देखभाल तो करते ही लेकिन साथ ही उनके अच्छे दोस्त भी बन जाते है।

बहुत कुछ कहता है दादा-दादी और पोता ...


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anjali Rajput

Related News

static