कुंभ में भक्तों के बीच जहां मची अफरा तफरी, जानिए उस जगह में स्नान का क्या है खास महत्व

punjabkesari.in Thursday, Jan 30, 2025 - 04:14 PM (IST)

नारी डेस्क: महाकुंभ मेले में आस्था का जनसैलाब उमड़ रहा है, खासकर शाही स्नान (Shahi Snan) के दिन करोड़ों लोग संगम में डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं। इस साल मौनी अमावस्या के मौके पर प्रयाग में 8 से 9 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे, और खासकर संगम नोज (Sangam Nose) में स्नान करने के लिए बड़ी भीड़ जमा हुई। लेकिन ये संगम नोज क्या है और क्यों लोग यहां स्नान करने के लिए इतने उत्सुक हैं, आइए जानते हैं।

संगम नोज क्या है?

संगम नोज वो जगह है, जहां गंगा, यमुना और अनदेखी सरस्वती नदी का मिलन होता है। यही वजह है कि यहां स्नान करने को बहुत खास माना जाता है। यहां गंगा और यमुना का पानी अलग-अलग रंग में दिखता है, यमुना का पानी हल्का नीला होता है, जबकि गंगा का पानी हल्का मटमैला होता है। यहीं पर यमुना नदी गंगा में मिल जाती है। इस क्षेत्र को कुंभ में संगम घाट के रूप में बनाया गया है, और यहां अखाड़े के संत भी अपने धार्मिक पूजा करते हैं।

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संगम नोज में स्नान करने से क्या होता है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संगम नोज में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि यहां स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं और आत्मा की शुद्धि होती है। इसके अलावा, पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यहां तर्पण और पिंडदान करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
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संगम नोज में स्नान करना खास तौर पर महाकुंभ मेले के दौरान, जैसे मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, शिवरात्रि और गुप्त नवरात्रि में बहुत महत्वपूर्ण होता है।

संगम नोज में स्नान का वैज्ञानिक महत्व

धार्मिक नज़रिये के अलावा, वैज्ञानिक नज़रिये से भी संगम नोज में स्नान के लाभ हैं। इस जल में औषधीय गुण होते हैं, जो स्किन के लिए फायदेमंद होते हैं। कहा जाता है कि यहां स्नान करने से मानसिक शांति मिलती है और शरीर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है।

इसलिए, संगम नोज में स्नान करना न सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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