Heart Patients को बचाने में मददगार है Cardiac rehab, लोगों को नहीं है इसकी जानकारी

punjabkesari.in Saturday, Apr 23, 2022 - 01:07 PM (IST)

कोविड-19 पर इतने हो- हल्ले के बावजूद, हृदय रोग सबसे बड़े स्वास्थ्य खतरों में से एक है। वास्तव में, बहुत से लोगों ने महामारी के दौरान अपने हृदय स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखा है, और इसकी वजह से जीवन की गुणवत्ता में कमी का अनुभव कर रहे हैं।  कार्डिएक रिहैबिलिटेशन इसे कम करता है, फिर भी केवल 10 से 25 प्रतिशत हृदय रोगी ही इसका उपयोग करते हैं।


10 से 25 प्रतिशत लोगों को ही इस पर भरोसा

यदि रोगी और उनके प्रियजन कार्डियक पुनर्वास के बारे में जानते हैं और अपने डॉक्टर से रेफरल के लिए कहते हैं, तो यह आपकी मदद कर सकता है लेकिन रोगियों का इन कार्यक्रमों तक पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए स्थापित रणनीतियां हैं। दिल की बीमारियां लंबा चलने वाली और लाइलाज होती हैं, ऐसे लोगों को अस्पताल में फिर से भर्ती होने या स्टेंट लगाने की आवश्यकता होती है।

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क्या है कार्डिएक रिहैब

स्टेंट आपके हृदय तक आक्सीजन और पोषक तत्वों से भरपूर रक्त की निर्बाध आपूर्ति के लिए धमनियों में लगाई जाने वाली छोटी सी ट्यूब होती है। लेकिन कम लागत वाली व्यापक हृदय पुनर्वास सोच को अपनाकर इसकी संभावना को काफी कम किया जा सकता है। कार्डिएक रिहैब एक आउट पेशेंट क्रॉनिक डिजीज मैनेजमेंट प्रोग्राम है, जिसमें मरीजों को कई महीनों में प्रति सप्ताह लगभग दो बार घंटे भर के सत्र में भाग लेना होता है।

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सेहत में होता है सुधार

कार्यक्रम संरचित व्यायाम, रोगी शिक्षा, साथ ही जीवन शैली (जैसे आहार, तंबाकू सेवन, नियमानुसार दवा लेने) और मनोसामाजिक (अवसाद, चिंता, नींद, तनाव, सेक्स, जैसा लागू हो) परामर्श प्रदान करते हैं।  कार्डियक रिहैबिलिटेशन की भागीदारी मृत्यु और अस्पताल में भर्ती होने में 20 प्रतिशत से अधिक की कमी करती है, और सामान्य सेहत में भी सुधार करने के साथ ही जीवन की सामान्य गतिविधियों में वापसी का रास्ता देती है।

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जीवन को बचाने में मददगार

इतना सब होने के बावजूद केवल कुछ हृदय रोगी इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं, जबकि अन्य हृदय देखभाल अनुशंसाएं जैसे कि दवा आदि को 80 प्रतिशत से अधिक मानते हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि यदि आपको या किसी प्रियजन को हृदय रोग है, तो अपने डॉक्टर से कार्डियक रिहैब रेफ़रल के लिए पूछें - यह आपके जीवन को बचा सकता है।

(शेरी एल. ग्रेस, प्रोफेसर और सीनियर साइंटिस्ट, फैकल्टी ऑफ हेल्थ, यॉर्क यूनिवर्सिटी, कनाडा)


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vasudha

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