''तेरे दिल का मेरे दिल से रिश्ता पुराना है'' सालों बाद Kartarpur Coridor में मिले बिछड़े भाई-बहन
punjabkesari.in Tuesday, May 23, 2023 - 05:46 PM (IST)
सोशल मीडिया का युग कितना अच्छा है यह तो हम सब जानते ही हैं। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो सालों से बिछड़े लोगों को मिला सकता है। कुछ ऐसा ही हाल ही में एक भाई और बहन के साथ हुआ है। भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के समय यह दोनों भाई-बहन बिछड़ गए थे और 75 सालों के बाद इन दोनों की मुलाकात करतारपुर के कॉरिडोर में हुई । दोनों मुलाकात के समय इतने भावुक हो गए कि आंखों से आंसू छलक आए। मुलाकात के दौरान दोनों के परिवार भी साथ में मौजूद थे।
पंजाब के रहने वाले हैं दोनों
रिपोर्ट्स की मानें तो भारत के पंजाब में रहने वाले सरदार भजन सिंह जी का परिवार बंटवारे के समय टूट गया था। भजन सिंह का पूरा परिवार भारत में था वहीं उनके परिवार का शेख अब्दूल अजीज पाकिस्तान के कब्जे वाले समय कश्मीर में फंस गए थे। हालांकि अब्दुल अजीज ने कम उम्र में ही शादी कर ली थी परंत वह शुरुआत से अपने माता-पिता और परिवार के सदस्यों से मिलना चाहते थे।
An other separated family meetup at kartarpur Corridor (a Corridor of Peace). Mr sheikh Abdul Aziz and his sister Mohinder kaur who got separated at the time of partition in 1947 met at Gurdwara Sri Darbar Sahib kartarpur.
— PMU Kartarpur Official (@PmuKartarpur) May 20, 2023
Both families were very happy and praised the government pic.twitter.com/TACb7O7SjH
सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए हुई दोनों की मुलाकात
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हुई जिसके जरिए उन्हें पता चला कि अजीज और महेंद्र कौर भाई बहन हैं इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दोनों भाई-बहन को मिलाने की कोशिश की और अंत में दोनों का मिलन हो ही गया।
गले लगाकर बिछड़े भाई पर जताया प्यार
जिस समय दोनों आपस में मिले तो दोनों ही भाई-बहन व्हीलचेयर पर बैठे थे। दोनों की मुलाकात के दौरान परिवार के सदस्यों ने अपना प्यार जताने के लिए एक-दूसरे पर फूल बरसाए। वहीं महेंद्र कौर ने अपने भाई को गले भी लगाया और उनका हाथ चूमा । दोनों ने करतारपुर स्थित गुरुद्वारा में साथ बैठकर खाया और मुलाकात को और भी यादगार बनाने के लिए दोनों ने एक-दूसरे को उपहार भी दिए।
बांटी लोगों में मिठाई
भाई-बहन की मुलाकात के बाद करतारपुर प्रशासन ने दोनों परिवारों को माला पहनाकर उनका स्वागत किया और इस दौरान मिठाईयां भी बांटी। आपको बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के अंतिम विश्राम स्थल गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरुदासपुर में स्थित डेरा बाबा नानक के मंदिर से जोड़ता है।