जन्म लेते ही छाया बुढ़ापा! बच्ची की ऐसी हालत देख डॉक्टर भी दंग, वजह जानकर कांप उठेगी रूह

punjabkesari.in Saturday, Nov 15, 2025 - 11:33 AM (IST)

नारी डेस्क : यह सोचकर ही शरीर में सिहरन दौड़ जाती है कि कोई मासूम बच्ची जन्म के कुछ सालों बाद ही बूढ़ी दिखाई देने लगे। लेकिन ब्रिटेन की जारा हार्टशोर्न की कहानी पूरी दुनिया को झकझोर देने वाली है। दर्द, संघर्ष और उम्मीद से भरी यह कहानी बताती है कि किस तरह एक रेयर बीमारी ने बचपन में ही जारा की जिंदगी को बदलकर रख दिया।

जन्म के बाद सब ठीक था, लेकिन धीरे-धीरे बदलने लगी जिंदगी

जारा जन्म के समय बिल्कुल स्वस्थ थीं। लेकिन उम्र बढ़ने के कुछ ही सालों के भीतर उनकी त्वचा ढीली होने लगी और चेहरे पर झुर्रियां दिखने लगीं। 8 साल की उम्र में वह 60 साल की महिला जैसी दिखने लगी थीं। स्कूल के बच्चे उन्हें ‘दादी’ और ‘नानी’ कहकर चिढ़ाते थे। लोग सड़क पर मुड़कर देखते थे और उनकी मां ट्रेसी को कई बार लोग जारा की बड़ी बहन समझ लेते थे। किसी को नहीं पता था कि इस सबके पीछे छुपी है एक बेहद दुर्लभ बीमारी, जो लाखों में किसी एक को होती है।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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वजह थी एक बेहद दुर्लभ बीमारी: Lipodystrophy

जारा को लिपोडिस्ट्रॉफी (Lipodystrophy) नाम की बीमारी थी। एक ऐसी रेयर जेनेटिक कंडीशन, जो 10 लाख में सिर्फ 1 व्यक्ति को होती है।

इसमें: शरीर की फैट सेल्स खत्म होने लगती हैं।
चेहरे और शरीर पर अचानक झुर्रियां पड़ने लगती हैं।
इंसान बचपन में ही बूढ़ा दिखने लगता है।
दिल, किडनी, लिवर जैसे अंग भी प्रभावित होने लगते हैं।
यह बीमारी उन्हें उनकी मां से मिली, जो इसी दुर्लभ समस्या से हल्के रूप में गुज़र चुकी थीं।
जन्म के समय जारा सामान्य थीं, लेकिन 4 साल की उम्र तक त्वचा ढीली पड़ने लगी और 8 साल तक हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें देखकर लोग हैरान रह जाते थे।

मासूम उम्र में टूटती उम्मीदें

कम उम्र में ही जारा ने वह दर्द झेला, जिसके बारे में सोचना भी मुश्किल है।
बच्चों का मज़ाक उड़ाना
लोगों का घूरना
रिश्तेदारों का दूर हो जाना
खुद को आईने में देखकर रो पड़ना

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वह अक्सर खुद से सवाल करती थीं: “क्या मैं कभी सामान्य दिखूंगी, लोग मुझसे बात क्यों नहीं करते, क्या मेरी शादी होगी?
14 साल की उम्र तक उनकी किडनी भी खराब होने लगी थी।
लेकिन जारा ने हार नहीं मानी। वह चाहती थीं कि एक दिन वह खुद को फिर से पहचान सकें और जिंदगी को दोबारा जी सकें।

मीडिया में कहानी पहुंची तो बदली किस्मत

जब जारा की कहानी मीडिया में वायरल हुई तो कई डॉक्टर आगे आए। विशेषज्ञों ने उनका चेहरा सुधारने के लिए बड़ी सर्जरी की सलाह दी।
8 घंटे की बड़ी सर्जरी में उनके चेहरे से 3 किलो अतिरिक्त त्वचा हटाई गई। जब पट्टियां हटाई गईं और जारा ने खुद को आईने में देखा उनकी आंखें भर आईं। उनकी मां ट्रेसी की भी खुशी से रो पड़े। सालों का दर्द उस दिन राहत में बदल गया। जारा अब एक सामान्य टीनएजर की तरह दिखती थीं। आज जारा की जिंदगी पूरी तरह बदल चुकी है। आज जारा और उनकी मां दोनों सामान्य, खुशहाल और आत्मविश्वास से भरी जिंदगी जी रहे हैं। जारा अब दूसरों को प्रेरित करती हैं और उनका संदेश बेहद मजबूत है। दिखावट नहीं, हिम्मत इंसान की असली पहचान होती है।


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Content Editor

Monika

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