बिहार की 2 होनहार बेटियां, पढ़ाई के जूनून में गरीबी को भी छोड़ा पीछे, बोर्ड में किया टॉप

punjabkesari.in Wednesday, Mar 31, 2021 - 12:14 PM (IST)

कहते हैं कि अगर कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो रास्ते में आने वाली हर मुसीबत का समाधान अपने आप ही मिल जाता है। आज हम आपको ऐसी ही तीन होनहार बेटियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी मुसीबतों के आगे घुटने नहीं टेके बल्कि बहादुरी से उनका सामना करते हुए ना सिर्फ अपने माता-पिता बल्कि देश का नाम भी रोशन किया।

कल्पना कुमारीः पिता ऑटोचालक, मां ने फीस के बेचें गहनें

हाल ही में बिहार में इंटरमीडियट का रिजल्ट घोषित किया गया, जिसमें कल्पना कुमारी ने चौथे रैंक से टॉप किया। कल्पना के पिता एक ऑटोचालक है और वह शिवपुरी मुहल्ला के एक टूटे-फूटे घर में रहती है। वह अपने भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं और उनका भाई एयरफोर्स के लिए तैयारी कर रहा है।  कल्पना के पिता ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है लेकिन फिर उन्होनंे अपनी बेटी की पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़ी।

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सिविल एग्जाम की कर रही तैयारी

बच्चों को पढ़ाने के लिए ना सिर्फ उनके पिता ने दिन रात मेहनत की बल्कि कल्पना की मां ने अपने गहने तक बेच दिए। खबरों के मुताबिक, कल्पना सिविल एग्जाम की तैयारी कर रही हैं। वह अपने माता-पिता की गरीबी दूर करने के अलावा देश के लिए भी कुछ करना चाहती हैं।

नंदिनी भारतीः चायपत्ती बेचकर पिता चलाते हैं घर

बिहार बोर्ड 12वीं में भागलपुर की रहने वाली नंदिनी भारती राज्य की दूसरी टॉपर रहीं। नंदिनी आर्ट्स स्ट्रीम में से है और उन्होंने हिस्ट्री में 97%, पॉलिटिकल साइंस में 96%,साइकोलॉजी में 93%, हिंदी में 88%, इंग्लिश में 87% अंक प्राप्त किए। इनके पिता शंकर गुप्ता चायपत्ती बेचने का काम करते हैं। हालांकि नंदिनी की मां एक प्राइवेट टीचर हैं और ट्यूशन भी पढ़ाती हैं।

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IAS बनना चाहती हैं नंदिनी

 नंदिनी सिविल सर्विस की पढ़ाई कर रहीं और IAS बनना चाहती हैं। लॉकडाउन में वह 12 से 14 घंटे पढ़ाई किया करती थी, जिसका परिणाम आपके सामने हैं। वह अपने सपने को पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश करना चाहती हैं।


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Content Writer

Anjali Rajput

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