ब्रेस्टफीडिंग के लिए कौन सी पोजीशन है सबसे फायदेमंद? जानिए डॉक्टर से सभी जरूरी बातें

punjabkesari.in Tuesday, Apr 22, 2025 - 02:23 PM (IST)

नारी डेस्क: ब्रेस्टफीडिंग न केवल बच्चे के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मां के स्वास्थ्य के लिए भी कई फायदे प्रदान करता है। मां का दूध शिशु को आवश्यक पोषण, सुरक्षा और रोगों से बचाव प्रदान करता है। इसे लेकर हर साल 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week) मनाया जाता है, ताकि लोगों को स्तनपान के लाभ के बारे में जागरूक किया जा सके।  

शिशु को संपूर्ण पोषण मिलता है

ब्रेस्टफीडिंग से शिशु को संपूर्ण पोषण मिलता है क्योंकि मां के दूध में प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज, और एंटीबॉडीज जैसे सभी जरूरी तत्व होते हैं, जो शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक हैं। मां का दूध बच्चों के लिए सबसे सही आहार होता है, क्योंकि इसमें शिशु की बढ़त और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए सभी जरूरी तत्व प्राकृतिक रूप से होते हैं। नियमित ब्रेस्टफीडिंग से कुपोषण जैसी समस्याएं भी कम हो जाती हैं, जिससे शिशु का विकास ठीक से होता है।

PunjabKesari

शिशु को बीमारियों से सुरक्षा

स्तनपान से शिशु को अस्थमा, मोटापा, डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचाव होता है। मां के दूध में ऐसे तत्व होते हैं, जो शिशु के इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और उसे संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। यह शिशु को पेट संबंधी समस्याओं, जैसे दस्त, पाचन समस्याओं और गले की बीमारियों से भी सुरक्षित रखता है। इसके अलावा, ब्रेस्टफीडिंग से शिशु का विकास सही दिशा में होता है और यह उसे किसी भी तरह के वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाता है।

मां के लिए भी फायदेमंद

स्तनपान का लाभ केवल शिशु तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि मां को भी इससे कई फायदे होते हैं। ब्रेस्टफीडिंग करने से स्तन कैंसर, ओवरी कैंसर, और टाइप-2 डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, स्तनपान से मां का वजन भी जल्दी घटता है, जिससे प्रसव के बाद शरीर की संरचना में जल्दी सुधार होता है। यह मां के हार्मोनल संतुलन को भी ठीक करता है, जिससे उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

PunjabKesari

ये भी पढ़ें: बॉलीवुड की इस एक्‍ट्रेस का 8 साल की उम्र में हुआ था 'शोषण, पिता बनकर डांस टीचर ने किया हैरेस

किस पोजीशन में कराएं स्तनपान?

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान सही पोजीशन का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण होता है। सही पोजीशन से न केवल मां और शिशु को आराम मिलता है, बल्कि यह शिशु को पूरी मात्रा में दूध प्राप्त करने में मदद करता है। शिशु को सही पोजीशन में दूध पीने से उसके पेट में गैस, सूजन और पेट दर्द की समस्या भी कम होती है। यदि शिशु सही तरीके से चूसता है, तो मां को भी दर्द कम महसूस होता है और दूध का उत्पादन बढ़ता है।

स्किन-टू-स्किन संपर्क

शिशु को मां के शरीर के संपर्क में रखकर ब्रेस्टफीडिंग कराना बेहद फायदेमंद होता है। इससे शिशु को मां का आरामदायक और गर्माहट भरा अनुभव होता है, जो उसे आत्म-संवेदन और सुरक्षा का एहसास कराता है। इससे मिल्क प्रोडक्शन भी बढ़ता है और शिशु को आसानी से दूध मिलता है। इस संपर्क से शिशु को ब्रेस्टफीडिंग की प्रक्रिया में भी आसानी होती है, क्योंकि वह मां के शरीर के संपर्क में रहते हुए ज्यादा आराम से दूध पी सकता है।

सही पोजीशन का ध्यान रखें

ब्रेस्टफीडिंग करते समय मां को यह ध्यान रखना चाहिए कि वह सही पोजीशन में बैठी हो, ताकि शिशु को आसानी से दूध मिल सके और उसे कोई असुविधा न हो। यदि मां सही पोजीशन में नहीं बैठती, तो शिशु दूध नहीं पी पाएगा और उसे पोषण की कमी हो सकती है। गलत पोजीशन में ब्रेस्टफीडिंग करने से मां को भी दर्द और असुविधा का सामना करना पड़ सकता है, जिससे दूध का उत्पादन प्रभावित हो सकता है।

PunjabKesari

मां की स्थिति भी जरूरी

जब तक मां खुद आरामदायक स्थिति में न हो, तब तक शिशु सही तरीके से दूध नहीं पी पाएगा। इसलिए मां को ब्रेस्टफीडिंग करते वक्त सही और आरामदायक स्थिति में बैठना चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि मां की पीठ, गर्दन और हाथ आरामदायक पोजीशन में हो, ताकि वह ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पूरी तरह से आराम महसूस कर सके। इस तरह मां और शिशु दोनों के लिए यह अनुभव सुखद और लाभकारी रहेगा।

ब्रेस्टफीडिंग से मां और बच्चे दोनों को कई लाभ होते हैं, और इसे सही तरीके से करने से अधिक फायदा मिलता है। सही पोजीशन में फीडिंग करना आवश्यक है, ताकि शिशु को उचित पोषण मिल सके और मां को भी आरामदायक अनुभव हो।
 

 

  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Priya Yadav

Related News

static