मां की लापरवाही ने कर दिया पेट में ही शिशु का ये हाल, डिलीवरी हुई तो बच्चे को देख डर गए परिवार वाले

punjabkesari.in Friday, May 30, 2025 - 05:07 PM (IST)

नारी डेस्क: अक्सर जब किसी महिला को गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) का पता चलता है तो वह सबसे पहले डॉक्टर से मिलती है। डॉक्टर गर्भावस्था की शुरुआत में कुछ ज़रूरी जांचें करवाने की सलाह देते हैं।इसके साथ ही महिला की सेहत को ध्यान में रखते हुए विटामिन और अन्य दवाएं दी जाती हैं ताकि मां और बच्चा दोनों ही स्वस्थ और सुरक्षित रहें। लेकिन हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक महिला ने चार महीने तक किसी भी डॉक्टर से संपर्क नहीं किया न ही कोई जांच करवाई। यह लापरवाही उसके होने वाले बच्चे पर बहुत भारी पड़ गई।

लेबर पेन में पहुंची अस्पताल, तब खुला राज़

इस मामले की जानकारी डॉक्टर समरा मसूद ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर साझा की। डॉक्टर समरा बताती हैं कि हाल ही में उनके पास एक महिला आईं जो लेबर पेन में थीं। महिला ने पहले कभी किसी गायनेकोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) से जांच नहीं करवाई थी। डॉक्टर के अनुसार, महिला की डिलीवरी जैसे ही हुई तो उन्होंने देखा कि नवजात शिशु में एक गंभीर जन्मजात विकृति (कॉनजेनिटल डिफेक्ट) है।

रीढ़ की हड्डी शरीर से बाहर निकली थी

डॉ. समरा ने बताया कि नवजात शिशु की स्पाइनल कॉर्ड (रीढ़ की हड्डी) शरीर के बाहर थी। यह एक बहुत दुर्लभ और जटिल स्थिति होती है जिसमें बच्चे का जीवित रह पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। यह स्थिति "Spina Bifida" जैसी गंभीर स्थितियों से जुड़ी हो सकती है जो गर्भ के शुरुआती दिनों में ही विकसित होती है। इसका प्रमुख कारण समय पर जरूरी पोषण और दवाओं की कमी होता है, खासकर फोलिक एसिड की।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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समय पर जांच और देखभाल है जरूरी

डॉक्टर समरा ने इस घटना को साझा करते हुए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि,“हर गर्भवती महिला को शुरुआत से ही नियमित रूप से डॉक्टर से मिलना चाहिए। फोलिक एसिड और दूसरी जरूरी दवाएं समय पर लेना बहुत ज़रूरी है क्योंकि कई बार इनकी कमी से भ्रूण का विकास सही से नहीं हो पाता।” नवजात की यह हालत देखकर माता-पिता हैरान और दुखी रह गए। उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि समय पर जांच न करवाने की गलती इतनी बड़ी समस्या बन जाएगी। यह एक ऐसी स्थिति थी, जिसे अगर गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में ही पहचान लिया जाता तो बेहतर इलाज या रोकथाम की संभावना रहती।

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महिला ने 4 महीने तक नहीं कराया था चेकअप

डॉक्टर बताती हैं कि वह महिला प्रेग्नेंसी के पांचवें महीने तक कोई भी दवा नहीं ले रही थी। वह पहली बार चौथे महीने में डॉक्टर के पास गई, और वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उसे लगा कि अब सोनोग्राफी करवानी पड़ेगी, तभी डॉक्टर से मिलना जरूरी है। डॉक्टर कहती हैं कि अब उस नवजात बच्चे की सर्जरी करनी पड़ेगी, क्योंकि उसमें जन्म से ही गंभीर विकृति है। हालांकि डॉक्टर ने यह भी कहा कि सर्जरी के बाद भी यह पक्का नहीं कहा जा सकता कि बच्चा पूरी तरह से सामान्य जीवन जी पाएगा या नहीं।

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फोलिक एसिड की टैबलेट लेना बहुत जरूरी है

स्त्री रोग विशेषज्ञ बताती हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान फोलिक एसिड की टैबलेट लेना बहुत जरूरी होता है। यह दवा बच्चे को गर्भ में रहते हुए होने वाली कई गंभीर जन्मजात बीमारियों से बचाती है। डॉक्टर सभी महिलाओं को सलाह देती हैं कि जैसे ही प्रेग्नेंसी का पता चले, उसी समय से डॉक्टर से मिलें और दवाएं शुरू करें। फोलिक एसिड की गोली पहले ट्राइमेस्टर यानी शुरुआती तीन महीनों में जरूर शुरू की जानी चाहिए।

मां को भी होते हैं फायदे

डॉक्टर कहती हैं कि फोलिक एसिड की टैबलेट मां के लिए भी फायदेमंद होती है। इससे मां को एनीमिया (खून की कमी), प्रीक्लेम्पसिया और एक्लेम्पसिया जैसी प्रेग्नेंसी की जटिल समस्याओं से बचाव मिलता है।
 


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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