लिवर की सफाई का आयुर्वेदिक तरीका: जानें इस चमत्कारी जड़ी-बूटी के फायदे

punjabkesari.in Monday, Aug 18, 2025 - 06:41 PM (IST)

नारी डेस्क : लिवर हमारे शरीर के सबसे जरूरी और मेहनती अंगों में से एक है। यह अंग हमारे शरीर को विषाक्त पदार्थों से बचाने, खून को शुद्ध करने, पाचन क्रिया और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य करता है। लेकिन आज की अनियमित जीवनशैली और गलत खानपान के कारण लिवर पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे इसकी कार्यक्षमता प्रभावित होने लगती है। ऐसे में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी कलमेघ लिवर को नेचुरल तरीके से डिटॉक्स करने में बेहद प्रभावी मानी जाती है। इस लेख में जानिए कलमेघ के फायदे, सेवन के तरीके और लिवर को स्वस्थ रखने की ज़रूरी टिप्स।

 गलत जीवनशैली का असर लिवर पर

आज के दौर में प्रोसेस्ड फूड, रसायनों से युक्त खाना, स्ट्रेस और अनियमित दिनचर्या लिवर को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाते हैं। जब लिवर को बार-बार विषैले तत्वों का सामना करना पड़ता है, तो वह ओवरवर्क करने लगता है। इसके परिणामस्वरूप शरीर में कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। 

लगातार थकान और कम ऊर्जा होना।

वजन बढ़ना और मोटापा बढ़ना, गैस, पेट फूलना, कब्ज होना।

त्वचा विकार – मुंहासे, एक्जिमा आदि।

मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन, सिरदर्द और माइग्रेन, हार्मोनल असंतुलन होना।

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आयुर्वेद में लिवर डिटॉक्स का उपाय कलमेघ

लिवर की खराब सेहत, आपके पूरे शरीर की सेहत को बिगाड़ सकती है। ऐसे में इसका डिटॉक्स और पुनरुद्धार बहुत जरूरी हो जाता है। लिवर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आयुर्वेद में एक बेहद असरदार और प्राकृतिक उपाय बताया गया है, कलमेघ। इसका वैज्ञानिक नाम Andrographis paniculata है। इसे "ग्रीन चिरायता", "कड़वे फलों का राजा" या "कालमेघ" भी कहा जाता है।

कलमेघ के फायदे

खून को शुद्ध करता है, लिवर को साफ और सक्रिय बनाता है, पाचन क्रिया को मज़बूत करता है, इम्यूनिटी को बढ़ाता है, शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है, फ्री रेडिकल्स से लिवर की सुरक्षा करता है और पित्त को संतुलित करता है। कलमेघ में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण लिवर को सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं।

 कलमेघ के सेवन के तरीके

1. कलमेघ का रस खाली पेट रोज़ सुबह 1-2 चम्मच कलमेघ का रस, गुनगुने पानी में मिलाकर खाली पेट लें। यह लिवर को डिटॉक्स करने और पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में मदद करता है।

2. कलमेघ पत्तियों और काली मिर्च का मिश्रण 5-10 कुचली हुई कलमेघ की पत्तियाँ और थोड़ी काली मिर्च मिलाकर सेवन करें। विशेष रूप से यह मिश्रण पीरियड्स से संबंधित हार्मोनल समस्याओं में भी फायदेमंद होता है।

3. कलमेघ का काढ़ा कलमेघ पाउडर को पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक वह गाढ़ा न हो जाए। यह काढ़ा दोपहर और रात के खाने के बाद 1-2 महीने तक थोड़ी मात्रा में लें। यह पित्त प्रवाह को उत्तेजित करता है, जिससे शरीर में हल्कापन और ऊर्जा का अनुभव होता है।

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लंबे समय तक लिवर को हेल्दी रखने के लिए अपनाएं ये आदतें

पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड से बचें, रिफाइंड शुगर और तेल का सेवन कम करें,  देर रात भोजन और जागने की आदत छोड़ें, पर्याप्त नींद लें, दिनभर गुनगुना पानी पिएं, गहरी सांस लेने और ध्यान (मेडिटेशन) का अभ्यास करें। शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने वाले फूड्स (जैसे आंवला, हल्दी, नींबू) शामिल करें

अगर आप अपने लिवर की सफाई और संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखना चाहते हैं तो आयुर्वेद में वर्णित यह अद्भुत जड़ी-बूटी कलमेघ आपके लिए वरदान साबित हो सकती है। इसके नियमित सेवन से न केवल लिवर डिटॉक्स होता है, बल्कि पाचन, इम्यून सिस्टम और मानसिक ऊर्जा भी बेहतर होती है।


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Content Writer

Vandana

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