डॉक्टरों ने किया चमत्कार: 2 साल की बच्ची के ब्रेन ट्यूमर की नाक के रास्ते हुई सर्जरी, बचाई जान
punjabkesari.in Thursday, Aug 07, 2025 - 11:42 AM (IST)

नारी डेस्क: चंडीगढ़ के PGIMER अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने एक ऐसा ऑपरेशन किया है जिसे मेडिकल साइंस में एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। 2 साल की बच्ची, जो देखने और चलने में दिक्कत महसूस कर रही थी, उसे एक दुर्लभ और खतरनाक ब्रेन ट्यूमर – क्रेनियोफेरीन्जिओमा (Craniopharyngioma) हो गया था। डॉक्टरों ने इसका इलाज नाक के रास्ते सर्जरी कर किया और बच्ची की जान बचा ली।
बच्ची की हालत क्या थी?
बच्ची की मां विमलेश ने बताया कि जन्म के समय सब कुछ सामान्य था। लेकिन फरवरी 2025 में बच्ची की आंखों की रोशनी कम होने लगी, और उसे चलने में भी तकलीफ होने लगी। शुरुआत में इसे मामूली समझा गया, लेकिन जब हालत बिगड़ी तो डॉक्टर को दिखाया गया।
#WATCH | Chandigarh | Team of Neurosurgeons at PGIMER Chandigarh successfully performed a groundbreaking brain surgery on a two-year-old girl
— ANI (@ANI) August 7, 2025
Additional Professor of Neurosurgery, Dr. (Prof) Dhandapani SS says, "That child had a craniopharyngioma and her tumor was a ‘giant’… pic.twitter.com/9Yg5Lk9yr7
मार्च 2025 में MRI रिपोर्ट सामने आई, जिससे पता चला कि बच्ची के दिमाग में एक बड़ा ट्यूमर बन रहा है, जो ऑप्टिक नर्व (दृष्टि की नसों) को दबा रहा था और ये ट्यूमर पिट्यूटरी ग्लैंड के पास स्थित था। डॉक्टरों ने बताया कि ये क्रेनियोफेरीन्जिओमा है, जो बहुत दुर्लभ और खतरनाक ब्रेन ट्यूमर होता है।
क्या होता है Craniopharyngioma?
क्रेनियोफेरीन्जिओमा एक धीरे-धीरे बढ़ने वाला ब्रेन ट्यूमर है, जो पिट्यूटरी ग्लैंड के पास होता है। यह ट्यूमर शरीर के हार्मोन सिस्टम को भी बिगाड़ देता है क्योंकि पिट्यूटरी ग्रंथि से पूरे शरीर के कई हार्मोन नियंत्रित होते हैं। इसका आकार 4 सेंटीमीटर से भी बड़ा हो सकता है। ये ट्यूमर आमतौर पर 5-14 साल के बच्चों और 50-74 साल के वयस्कों को प्रभावित करता है। इसकी वजह से दृष्टिहानि, चलने में कठिनाई, हॉर्मोन असंतुलन जैसी समस्याएं होती हैं।
कैसे हुई सर्जरी?
डॉ. धंडापानी और उनकी टीम ने बच्ची की जान बचाने के लिए एक मिनिमली इनवेसिव सर्जरी की योजना बनाई, जिसे एंडोस्कोपिक एंडोनेजल अप्रोच (Endoscopic Endonasal Approach) कहा जाता है। इसमें नाक के रास्ते सर्जरी की जाती है, यानी सिर की खोपड़ी को नहीं काटा जाता। यह तकनीक जोखिम भरी जरूर थी, लेकिन डॉक्टरों के लिए बच्ची की उम्र और हालत को देखते हुए यही सबसे सुरक्षित तरीका था। यह बच्ची दुनिया की दूसरी सबसे कम उम्र की बच्ची है, जिसे इतना बड़ा ट्यूमर हुआ और इस तकनीक से ऑपरेशन किया गया।
डॉक्टरों का क्या कहना है?
डॉ. धंडापानी ने बताया कि यह सर्जरी बहुत जटिल थी क्योंकि बच्ची बहुत छोटी थी और ट्यूमर बहुत बड़ा। अगर सर्जरी में थोड़ी भी चूक हो जाती तो बच्ची की जान को खतरा हो सकता था या वह हमेशा के लिए अंधी भी हो सकती थी। लेकिन नाक के रास्ते की सर्जरी से ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटाया गया और बच्ची अब ठीक है।
#WATCH | Chandigarh | Team of Neurosurgeons at PGIMER Chandigarh successfully performed a groundbreaking brain surgery on a two-year-old girl
— ANI (@ANI) August 7, 2025
Additional Professor of Neurosurgery, Dr. (Prof) Dhandapani SS says, "That child had a craniopharyngioma and her tumor was a ‘giant’… pic.twitter.com/9Yg5Lk9yr7
क्यों है ये सर्जरी खास?
इतना बड़ा ब्रेन ट्यूमर, इतने छोटे बच्चे में बेहद रेयर केस है। सर्जरी नाक के रास्ते करने की तकनीक भारत में अब तक बहुत कम मामलों में अपनाई गई है। यह ऑपरेशन दिखाता है कि भारतीय डॉक्टर और मेडिकल टेक्नोलॉजी किसी भी वैश्विक स्तर से कम नहीं हैं।
इस केस ने यह साबित कर दिया कि सही समय पर पहचान और आधुनिक तकनीक से जानलेवा बीमारियों से भी बचा जा सकता है। PGIMER चंडीगढ़ की टीम ने एक बार फिर भारत की मेडिकल क्षमताओं को दुनिया के सामने साबित किया है।