भारतीय मूल की अमिका जॉर्ज को मिला सोशल वर्क की दुनिया का 'ऑस्कर'

punjabkesari.in Sunday, Sep 30, 2018 - 02:33 PM (IST)

यूके में रहने वाली भारतीय मूल की लड़की अमिका जॉर्ज की उम्र 18 साल है। यह वही लड़की है जिसने छोटी-सी उम्र में लड़कियों की जरूरत को समझा और यूके में फ्री पीरियड्स कैंपन शुरू किया था। उसके इस कदम से कई लोगों को प्रेरणा मिली और अब सोशल वर्क की दुनिया में उसे  'ऑस्कर' से सम्मानित किया गया है। 

 

क्या है सोशल वर्क की दुनिया का 'ऑस्कर'? 
अमिका को मिलने वाला सोशल वर्क की दुनिया का ऑस्कर बिल गेट्स और उनकी पत्नी मेलिंडा गेट्स का एक फाउंडेशन है। यह वहीं बिल गेट्स माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर अरबपति हैं, जिनकी दुनिया भर में पहचान है। उनके द्वारा चलाई जाने वाली फाउंडेशन का नाम बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन है। इस फाउंडेशन द्वारा पिछले साल गोलकीपर्स इवेंट शुरू किया था। जिसमें गरीबी हटाने और समाज सेवा करने वाले लोगों को ग्लोबल गोल्स अवॉर्ड दिया जाता है। इसे सोशल वर्क की दुनिया का ऑस्कर कहा जाता है। इस साल 26 सितंबर को अमिका जॉर्ज को ये अवॉर्ड मिला। 

PunjabKesari

कौन हैं अमिका जॉर्ज?
ब्रिटेन की रहने वाली अमिका जॉर्ज के दादा-दादी भारत के केरल से थे। वे यूके जाकर बस गए और अमिका का जन्म और पालन-पोषण भी वही हुआ। दादा-दादी भारत के होने की वजह से अमिका भारतीय मूल की कहलाती हैं। 

PunjabKesari

इस वजह से मिला अवॉर्ड 
अमिका कुछ दिनों में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी जाने वाली है लेकिन इससे पहले ही उसे ऑस्कर मिल चुका है। पिछले साल #FreePeriods कैंपेन को सोशल मीडिया पर बहुत स्पोर्ट मिला। जिसमें अमिका का बहुत योगदान है। पिछले साल अमिया को पता चला कि यूके में ऐसी बहुत सी लड़कियां हैं जिनके पास पैंड्स खरीदने के पैसे नहीं है। जिसके चलते वे स्कूल या फिर काम पर नहीं जा पाती। कुछ लड़कियां तो इसके लिए टीशू पेपर, जुराबे या फिर अखबार तक इस्तेमाल करती हैं। अमिया को इस बारे में जान कर बहुत बुरा लगा और कुछ करने के जज्बे से उसने परिवार और दोस्तों से बात की। जिससे उन लड़कियों को मदद मिल सके। फिर उसने ऑनलाइन कैंपेन #FreePeriods शुरू किया। 

PunjabKesari

मिला पूरा समर्थन
कैंपेन शुरू होने पर अमिका को खूब समर्थन मिला। दिसंबर 2017 को 20000 लड़के-लड़कियां लाल रंग के कपड़े पहन इंग्लैंड की प्रधानमंत्री थेरेसा के घर के सामने इकट्ठा हुए। उनका मकसद पीरियड्स का टैबू खत्म करना था। अमिका की सोच को सांसदो ने भी पसंद किया और सपोर्ट किया। सरकार ने 'पीरियड पावर्टी' खत्म करने के लिए 1.5 मिलियन पाउंड यानि लगभग  14 करोड़ 21 लाख रुपये दिए। अमिका चाहती थीं कि स्कूल और कॉलेजों में लड़कियों को फ्री सैनिटरी पैड्स मिलने चाहिए, ताकि कोई भी लड़की स्कूल मिस न करे। 

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Priya verma

Related News

static