शक्ति का नाम है नारी: भारत की इन बहादुर महिलाओं ने बदली दुनिया, इनकी कहानी देती है प्रेरणा
punjabkesari.in Wednesday, Mar 05, 2025 - 01:13 PM (IST)

खेत से लेकर आसमान तक और कक्षाओं से लेकर बोर्डरूम तक, यह पूरी तरह से महिलाओं की दुनिया है। एक महिला समाज की रीढ़ होती है, जो अनेक भूमिकाओं में संतुलन बनाए रखती है। वह मां, बहन, पत्नी और बेटी के रूप में अपने कर्तव्यों को निभाती है। सर्वशक्तिमान की इस शानदार रचना को स्वीकार करते हुए, आज हम आपके लिए लाए हैं कुछ प्रेरणादायक महिलाओं की कहानियां जिसे हर किसी को जानना चाहिए।
रानी लक्ष्मीबाई: वीरता और स्वतंत्रता संग्राम की प्रतीक
रानी लक्ष्मीबाई का नाम भारतीय इतिहास में साहस और निडरता का प्रतीक है। 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने झांसी की रक्षा के लिए अंग्रेजों से लोहा लिया। उन्होंने कहा था -"मैं अपनी झाँसी नहीं दूंगी!"। उन्होंने घोड़े पर बैठकर तलवारबाजी की और अपने पुत्र को पीठ पर बांधकर युद्ध लड़ा।ब्रिटिश सेना के खिलाफ वीरता से लड़ीं और शहीद हो गईं, लेकिन हार नहीं मानी। रानी लक्ष्मीबाई हमें सिखाती हैं कि साहस और आत्मनिर्भरता से हर चुनौती को जीता जा सकता है।
कल्पना चावला: अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली पहली भारतीय महिला
कल्पना चावला एक एयरोस्पेस इंजीनियर और अंतरिक्ष यात्री थीं, जिन्होंने भारतीय महिलाओं का नाम अंतरिक्ष तक पहुंचाया।1997 में नासा की पहली भारतीय मूल की महिला अंतरिक्ष यात्री बनीं। 2003 में कोलंबिया स्पेस शटल मिशन के दौरान उनकी मृत्यु हो गई, लेकिन उन्होंने पूरे विश्व को प्रेरित किया। वह कहती थी- "मैं हमेशा सितारों की ओर देखती थी, और अब मैं खुद सितारों तक पहुंची हूं।" कल्पना चावला ने यह साबित किया कि महिलाओं की उड़ान केवल धरती तक सीमित नहीं, बल्कि अंतरिक्ष तक भी हो सकती है।
अरुणिमा सिन्हा: कृत्रिम पैर के साथ माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय महिला
अरुणिमा सिन्हा, एक राष्ट्रीय स्तर की वॉलीबॉल खिलाड़ी थीं, लेकिन 2011 में कुछ बदमाशों ने उन्हें ट्रेन से धक्का दे दिया, जिससे उन्होंने अपना एक पैर खो दिया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। कृत्रिम पैर के सहारे 2013 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।इसके बाद, उन्होंने सातों महाद्वीपों की सबसे ऊँची चोटियों को फतह किया। उन्होंने कहा- "लोग मेरे कटे पैर को देख रहे थे, लेकिन मैं उस सपने को देख रही थी, जो मुझे पूरा करना था।"अरुणिमा सिन्हा ने साबित किया कि शरीर की मजबूती से ज्यादा, मन की शक्ति महत्वपूर्ण होती है।
किरण बेदी: भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी
किरण बेदी भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनीं और उन्होंने पुलिस सेवा में महिलाओं के लिए नए रास्ते खोले।कड़े अनुशासन और ईमानदारी से अपराध पर लगाम लगाई। तिहाड़ जेल में सुधार कार्यक्रम लाकर कैदियों की ज़िंदगी बदल दी। उन्हांने बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम किया। किरण बेदी ने दिखाया कि नारी शक्ति किसी भी क्षेत्र में बदलाव ला सकती है।

मैरी कॉम: बॉक्सिंग में इतिहास रचने वाली महिला
मैरी कॉम, एक छोटी सी जगह मणिपुर से आईं, लेकिन अपने सपने को पूरा करने के लिए संघर्ष किया। 6 बार वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियन बनने वाली पहली महिला बनीं।बॉक्सिंग में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। एक मां बनने के बाद भी अपने करियर को जारी रखा और देश का नाम रोशन किया। मैरी कॉम हमें सिखाती हैं कि महिलाओं को कोई भी क्षेत्र छोटा या बड़ा नहीं रोक सकता।
नारी शक्ति की अनोखी मिसाल
इन सभी वीर महिलाओं की कहानियां हमें सिखाती हैं कि कि सपनों को पूरा करने के लिए हिम्मत और मेहनत जरूरी है। कोई भी चुनौती इतनी बड़ी नहीं होती, जिसे महिला पार न कर सके। "नारी शक्ति" सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि सफलता और साहस की असली पहचान है।महिला दिवस पर, हम सभी महिलाओं को सलाम करते हैं, जो हर दिन अपनी शक्ति से दुनिया को बदल रही हैं!