नवरात्रि के बाद कलश, नारियल, जल और अखंड ज्योति का क्या करें?

punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 03:17 PM (IST)

  नारी डेस्क: नवरात्रि का पर्व पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के साथ मनाया जाता है। इस दौरान घर-घर में कलश स्थापना, अखंड ज्योति और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। लेकिन जैसे ही नवमी या दशमी तिथि पूरी होती है, तब यह सवाल उठता है कि कलश, नारियल, जल और अखंड ज्योति का क्या करना चाहिए? आइए जानते हैं इनके सही और शुभ नियम

नवमी के बाद कलश का क्या करें?

नवरात्रि के समापन पर कलश को पूजा स्थल से हटाना जरूरी होता है। इसे सीधा फेंकना या लापरवाही से रखना अशुभ माना जाता है। कलश विसर्जन हमेशा शुभ मुहूर्त में करें। इसे नदी, तालाब या स्वच्छ बहते जल में प्रवाहित कर सकते हैं। यदि बाहर विसर्जन संभव न हो, तो घर के पवित्र स्थान (जैसे गमले या पीपल/बरगद के पास) मिट्टी में दबा सकते हैं।

कलश पर रखे नारियल का क्या करें?

कलश पर रखा नारियल बहुत शुभ और पूजनीय माना जाता है। इसे फोड़कर प्रसाद के रूप में परिवार के साथ खा सकते हैं। या फिर इसे लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी या घर के मंदिर में रखें, इससे घर में समृद्धि बनी रहती है। चाहें तो इसे नदी या किसी पवित्र जल में प्रवाहित भी कर सकते हैं।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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कलश के जल का क्या करें?

कलश का जल बेहद पवित्र होता है। इसे घर में शुभ ऊर्जा फैलाने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। पूरे घर में जल छिड़कें, इससे वातावरण शुद्ध होता है। इसे नीम, पीपल, बरगद या तुलसी के पौधे में अर्पित करें। चाहें तो अन्य पेड़-पौधों की जड़ों में भी डाल सकते हैं।

 अखंड ज्योति का क्या करें?

नवरात्रि में जलाई गई अखंड ज्योति मां की कृपा का प्रतीक होती है। इसे सीधे फूंककर या हाथ से बुझाना शुभ नहीं माना जाता। समापन के बाद बत्ती को सावधानी से निकाल लें। दीपक में बचे हुए तेल को दोबारा पूजा में इस्तेमाल करें, क्योंकि यह अत्यंत पवित्र माना जाता है। दीपक को साफ करके फिर से मंदिर में रखें।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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नवरात्रि के बाद कलश, नारियल, जल और अखंड ज्योति का उचित सम्मान और विधि से विसर्जन करने से पूजा का पूरा फल मिलता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।  


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Content Editor

Priya Yadav

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