कोविशील्ड लगवाने वाले भारतीयों को नहीं मिलेगी यूरोप में एंट्री, अदार पूनावाला बोले- जल्द सुलझा लेंगे मामला
punjabkesari.in Monday, Jun 28, 2021 - 04:06 PM (IST)
कोरोना की दूसरी लहर जहां देश में थमती हुई नज़र आ रही हैं वहीं तीसरी लहर से पहले सरकार पूरे देशभर में कोरोना वेक्सीनेशन अभियान तेज कर दिया है। वहीं इसी बीच आए दिन वेक्सीन को लेकर नई-नई जानकारियां भी सामने आ रही हैं।
बतां दें कि अब सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट कर यूरोपीय संघ की यात्रा को लेकर तकनीकी दिक्कतों का सामना कर रहे भारतीयों को आश्वस्त दिया है कि जल्द ही समस्या का समाधान निकाल जाएगा।
यूरोपीय संघ की नई 'वैक्सीन पासपोर्ट' योजना में Covishield को मान्यता नहीं-
दरअसल, पूनावाला का यह बयान यूरोपीय संघ की नई 'वैक्सीन पासपोर्ट' योजना के बाद आया है, जिसमें एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन के भारत-निर्मित संस्करण को मान्यता नहीं दी गई है। पूनावाला ने इस पर कहा कि उन्होंने इस मामले को नियामक संस्थाओं और राजनयिक लोगों के सामने उठाया है और उम्मीद है कि जल्द ही यह मामला सुलझा लिया जाएगा।
जिन्होंने Covishield का टीका लगवाया है, मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि...
पूनावाला ने इस पर जानकारी देते हुए लिखा, मुझे एहसास है कि बहुत से भारतीय जिन्होंने Covishield का टीका लगवाया है उन्हें यूरोपीय संघ की यात्रा के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं, मैंने इस मुद्दे को बड़े स्तर पर उठाया गया है, जल्द ही नियामकों और राजनयिक स्तर पर इसे हल किया जाएगा।
I realise that a lot of Indians who have taken COVISHIELD are facing issues with travel to the E.U., I assure everyone, I have taken this up at the highest levels and hope to resolve this matter soon, both with regulators and at a diplomatic level with countries.
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) June 28, 2021
कोविशील्ड का अविष्कार-
कोविशील्ड वैक्सीन का विकास ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका ने किया है और इसे भारत में पुणे स्थित वैक्सीन विनिर्माता द्वारा बनाया जा रहा है। बतां दें कि यूरोपीय संघ (ईयू) ने अब तक एस्ट्राजेनेका, ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित वैक्सजेवरिया को ही मान्यता दी है। यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी द्वारा अनुमोदित अन्य टीके बायोएनटेक-फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन हैं।
यूरोपीय संघ ने बनाई 'डिजिटल कोविड सर्टिफिकेट' की योजना-
यूरोपीय संघ ने 1 जुलाई से 'महामारी के दौरान यूरोपीय संघ में नागरिकों की सुरक्षित के लिए एक 'डिजिटल कोविड सर्टिफिकेट' की योजना बनाई है। 'सर्टिफिकेट' का मतलब यह है कि शख्स को या तो टीका लगाया गया है, या उसका कोविड टेस्ट नेगेटिव आया है या फिर वह इंफेक्शन से उबर गया है। यूरोपीय संघ के बाहर के यात्रियों के इन सर्टिफिकेट्स में से कोई एक होना ही चाहिए।
जिन भारतीयों ने कोविशील्ड का टीका लगाया है उन्हें मुक्त आवाजाही की अनुमति नहीं-
इस सर्टिफिकेट को संघ के सदस्य देशों की स्वीकार्यता मिली होगी जिससे इस क्षेत्र में पाबंदी रहित आवाजाही की अनुमति मिलेगी। यूरोपीय संघ के मौजूदा नियमों के तहत जिन भारतीयों को कोविशील्ड का टीका लगाया गया है उन्हें मुक्त आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी।