भारत के पहले गांव में मची भारी तबाही, ग्लेशियर टूटने से बर्फ में दबे 57 मजदूर
punjabkesari.in Friday, Feb 28, 2025 - 03:09 PM (IST)
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नारी डेस्क: उत्तराखंड के उंचाई वाले क्षेत्रों में हो रही भारी बर्फवारी के बीच चमोली जिले में बदरीनाथ के पास बड़ी तबाही मच गई। भारत के पहले गांव में हिमखंड टूटने से वहां रह रहे 57 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए । इनमें से 16 को बाहर निकाल लिया गया है जबकि 41 अन्य फंसे मजूदरों को निकालने के प्रयास जारी हैं।
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद सुमन ने बताया कि चमोली बद्रीनाथ धाम में माणा गांव के पास गलेशियर आने से 57 मजदूर दब गए, हालांकि 16 को बचा लिया गया है बाकी 41 मजदूरों की ढूंढ खोज जारी है. सूचना मिलते ही पुलिस, सेना, सीमा सड़क संगठन और आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे तथा बचाव और राहत कार्य शुरू किया ।
खराब मौसम और लगातार गिर रही बर्फ के कारण बचाव कार्य में मुश्किल आ रही है । बताया जा रहा है कि चमोली के ऊपरी इलाकों में कई दिनों से भारी बर्फबारी हो रही थी. बद्रीनाथ मंदिर से तीन किलोमीटर दूर हाईवे के पास हिमस्खलन आया है, यह सड़क निर्माण कार्य में लगे मजूदरों की सड़क किनारे बनी झोपड़ियों पर गिरा। इस घटना के बाद आस- पास के इलाकों में दहशत का माहौल पैदा हो गया है।
बता दें कि बद्रीनाथ से 3 किमी दूर स्थित भारत के आखिरी गांव माणा भारत का पहला गांव बन चुका है। यह अपनी पौराणिक कथाओं के लिए प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहां वेदव्यास जी ने गणेश जी को महाभारत की कथा सुनाई थी और इसी गांव के पास भीम ने एक विशाल पत्थर से नदी के पार जाने का रास्ता बनाया था।