पुणे में GBS सिंड्रोम से 40 वर्षीय व्यक्ति की मौत, जानिए इस खतरनाक बीमारी के खौफनाक लक्षण
punjabkesari.in Tuesday, Jan 28, 2025 - 05:20 PM (IST)
नारी डेस्क: GBS सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome) इन दिनों तेजी से फैल रहा है और यह बीमारी पुणे समेत महाराष्ट्र के कई इलाकों में चिंता का विषय बन गई है। अब तक इस बीमारी के कारण एक व्यक्ति की जान चली गई है और 16 लोग वेंटिलेटर पर हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, पुणे में 101 लोग इस बीमारी से प्रभावित हो चुके हैं और कुल आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। आइए जानते हैं, इस बीमारी का इलाज कितना महंगा है और इससे बचाव के उपाय क्या हैं।
GBS क्या है?
GBS एक गंभीर वायरल इंफेक्शन है, जो शरीर की नसों को प्रभावित करता है। इस बीमारी में शरीर की इम्यूनिटी अपने ही तंत्रिका तंत्र पर हमला कर देती है, जिसके कारण मरीज को कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द और नसों में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस बीमारी के लक्षण अचानक सामने आते हैं, जैसे शरीर के निचले हिस्से से लेकर ऊपर की ओर कमजोरी महसूस होना, पैरों में कमजोरी या लकवा आ जाना।
41-Year-Old #Pune CA Dies as Guillain-Barré Syndrome Cases Surge to 111 in Under Three Weeks #GBScaseshttps://t.co/vnqe6Phsva pic.twitter.com/ebHturOpyR
— Pune Pulse (@pulse_pune) January 28, 2025
पुणे में GBS का बढ़ता खतरा
महाराष्ट्र के पुणे में GBS सिंड्रोम तेजी से फैलने का कारण बन रहा है। अब तक 101 लोग इस बीमारी से प्रभावित हो चुके हैं और इनमें से 16 लोग वेंटिलेटर पर हैं। सबसे ज्यादा चिंता इस बात को लेकर है कि एक शख्स की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि उन्होंने 25,000 से ज्यादा घरों का सर्वे किया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितने लोग इस बीमारी से प्रभावित हो सकते हैं।
A 41-year old man suspected to have contracted Guillain-Barré syndrome (GBS) has died in Maharashtra's Solapur district
— DNA (@dna) January 28, 2025
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GBS का इलाज और उसकी लागत
GBS का इलाज महंगा होने के कारण मरीजों और उनके परिवारों को भारी वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है। इस बीमारी का इलाज आमतौर पर इम्युनोग्लोबुलिन (IVIg) नामक एक इंजेक्शन से किया जाता है। इस इलाज के लिए 13 इंजेक्शनों का कोर्स करना पड़ता है, और एक इंजेक्शन की कीमत ₹20,000 तक हो सकती है।
इसके अलावा, प्लाज़्माफेरेसिस (Plasmapheresis) नामक प्रक्रिया भी होती है, जिसमें रक्त को शुद्ध किया जाता है। इस प्रक्रिया की लागत ₹1.4 लाख तक हो सकती है। इलाज की कुल लागत बढ़कर ₹2 लाख तक पहुंच सकती है, जो मरीजों के लिए एक भारी आर्थिक बोझ बन जाता है।
In a concerning news, Maharashtra has reported its first suspected death linked to Guillain-Barré Syndrome (GBS), a rare neurological disorder. The victim, a 40-year-old man from Solapur, passed away after being hospitalized with symptoms such as breathlessness, muscle weakness,… pic.twitter.com/LAWTezY4eJ
— The CSR Journal (@thecsrjournal) January 27, 2025
इलाज में मदद
महाराष्ट्र सरकार ने GBS के इलाज के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवा देने की घोषणा की है, लेकिन उपचार के दौरान होने वाली अन्य खर्चों की स्थिति में कई मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, समय पर इलाज और सही उपचार की व्यवस्था होना बहुत जरूरी है।
GBS का इलाज कैसे किया जाता है?
इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन – यह इंजेक्शन मरीज की इम्यूनिटी को सुधारने के लिए दिया जाता है, जिससे शरीर की खुद की कोशिकाएं अपनी नसों पर हमला न करें।
प्लाज़्माफेरेसिस – इस प्रक्रिया में मरीज के खून से हानिकारक एंटीबॉडी को निकाला जाता है और फिर उसे शुद्ध करके शरीर में वापस डाला जाता है।
वेंटिलेटर सपोर्ट – गंभीर मामलों में जब शरीर की नसें काम करना बंद कर देती हैं, तो मरीज को वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है।
GBS से बचाव के उपाय
सफाई और स्वच्छता – GBS वायरस का कारण कोई सामान्य वायरस हो सकता है, इसलिए सफाई और स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
वैक्सीनेशन – यदि किसी को पहले से कोई वायरल इन्फेक्शन हुआ हो, तो उसे सही समय पर वैक्सीनेशन लेना चाहिए, ताकि GBS जैसी स्थिति से बचा जा सके।
पोषक आहार – शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत रखने के लिए सही पोषण लेना जरूरी है। विटामिन C, D और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
GBS एक खतरनाक बीमारी है जो तेजी से फैल सकती है और इसके इलाज में भारी खर्च हो सकता है। हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने मुफ्त इलाज की सुविधा दी है, लेकिन इसके बावजूद मरीजों को इलाज के अन्य खर्चों का सामना करना पड़ता है। इसलिए इस बीमारी से बचाव के लिए समय पर उपचार, सही खानपान और स्वच्छता का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।