हवाई जहाज के टायर के पास छिपकर भारत पहुंचा 14 साल का लड़का
punjabkesari.in Tuesday, Sep 23, 2025 - 03:52 PM (IST)

नारी डेस्क : दिल्ली एयरपोर्ट पर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। अफगानिस्तान का 14 साल का एक लड़का काबुल से दिल्ली आने वाली फ्लाइट के पिछले पहिये (व्हील वेल) में छिपकर बैठ गया और करीब 94 मिनट की खतरनाक यात्रा के बाद दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुरक्षित उतर गया। यह घटना रविवार को KAM Air की फ्लाइट RQ4401 में हुई। फिलहाल लड़के को वापस काबुल भेज दिया गया है।
ईरान की जगह भारत की फ्लाइट में में छिप गया लड़का
रिपोर्टों के अनुसार, पारंपरिक अफगानी पोशाक पहने यह लड़का ईरान में घुसने की फिराक में था, लेकिन गलती से गलत उड़ान में चढ़ गया। वह काबुल हवाई अड्डे पर यात्रियों के पीछे से निकलने में कामयाब रहा और किसी की नज़र से बचकर विमान के व्हील वेल में छिप गया। विमान में लड़के की मौजूदगी का पता लैंडिंग के बाद तक नहीं चला, जब एक ग्राउंड हैंडलर ने उसे हवाई अड्डे के एप्रन पर एक प्रतिबंधित क्षेत्र में टहलते हुए देखा।
फिर आगे क्या हुआ
अधिकारियों को तुरंत सूचित किया गया और लड़के को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने हिरासत में ले लिया और फिर उसे एयरपोर्ट पुलिस को सौंप दिया। उसकी उम्र को देखते हुए, लड़के पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी। विमानन विशेषज्ञों ने उसके बच निकलने पर आश्चर्य व्यक्त किया, क्योंकि अत्यधिक ठंड, ऑक्सीजन की कमी और यांत्रिक खतरों के कारण व्हील वेल में छिपना लगभग हमेशा घातक होता है। इस तरह के छिपने के प्रयासों में जीवित रहने की दर बेहद कम है, दुनिया भर में केवल लगभग 20% ही जीवित बचते हैं।
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सफर कितना खतरनाक था?
विमान का व्हील वेल बहुत छोटा और खतरनाक हिस्सा होता है, जहां लैंडिंग गियर (टायर) रखा जाता है।
फ्लाइट के दौरान पहिये अंदर चले जाते हैं और दरवाजा बंद हो जाता है।
ऊंचाई पर तापमान -40°C से -60°C तक गिर जाता है।
वहां ऑक्सीजन बहुत कम होती है, जिससे व्यक्ति बेहोश हो सकता है या उसकी मौत भी हो सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर मामलों में इस तरह छिपे लोग कुछ ही मिनटों में बेहोश हो जाते हैं और जीवित बचने की संभावना बेहद कम होती है। लेकिन इस लड़के के केस में शायद फ्लाइट ने कम ऊंचाई पर उड़ान भरी, जिससे तापमान और दबाव सामान्य रहा और उसकी जान बच गई।
एयरपोर्ट सुरक्षा पर उठे बड़े सवाल
यह घटना एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। 14 साल का लड़का बिना किसी चेकिंग के आसानी से एयरपोर्ट में घुस गया और यात्रियों की गाड़ियों के पीछे-पीछे चलते हुए सीधे विमान तक पहुंच गया। यह सुरक्षा में बड़ी चूक मानी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही ऐसे मामले बहुत कम होते हैं, लेकिन इन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता। अगर यह चूक दोहराई गई तो भविष्य में कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
मासूमियत या हिम्मत?
यह घटना बचपन की मासूमियत और खतरे उठाने की हिम्मत का अजीब मिश्रण लगती है। 14 साल की उम्र में लड़के ने अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए इतना बड़ा जोखिम उठाया। यह कहना मुश्किल है कि उसने जानबूझकर खतरा उठाया या सिर्फ जिज्ञासा और गलती से ऐसा कर बैठा।
भारत में दूसरी ऐसी घटना
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में यह दूसरी घटना है। पहली बार 1996 में प्रदीप और विजय सैनी नामक दो भाइयों ने दिल्ली से लंदन जाने वाली फ्लाइट में ऐसा ही प्रयास किया था। प्रदीप तो बच गया था, लेकिन विजय की मौत हो गई थी।