जज्बाः मैटरनिटी लीव रद्द कर 1 माह के बच्चे के साथ ऑफिस पहुंची IAS सृजना
punjabkesari.in Monday, Apr 13, 2020 - 04:33 PM (IST)
कोरोना वायरस महामारी की वजह से डॉक्टर्स व नसों पर ही नहीं बल्कि पुलिसकर्मियों पर भी काफी दबाव है। मगर, कोरोना योद्धा इस जंग को जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहें हैं। वहीं कुछ लोगों को इसकी वजह से अपनी फैमिली से मिलने का भी समय नहीं रहा है और जो लोग छुट्टियों पर थे वो भी वापिस आ गए हैं।

सेवा के लिए अधिकारी अपने घर परिवार को छोड़कर समाज की चिंता कर रहे हैं। ऐसी ही एक महिला अधिकारी सृजन गुम्माला हैं। आंध्र प्रदेश के ग्रेटर विशाखापट्टनम में म्युनिसिपल कमिश्नर सृजना 6 महीने की मैटरनिटी लीव पर थी लेकिन इस संकट की घड़ी में उन्होंने छुट्टियां लेने की बजाए अपने कर्तव्य को निभाना बेहतर समझा और अपने 1 माह के बच्चे को लेकर ड्यूटी करने पहुंच गई।

ऐसे में उन्होंने महज 22 दिन के बच्चे को लेकर ड्यूटी ज्वॉइन कर ली। बता दें कि सृजना ने बीते महीने एक बच्चे को जन्म दिया था इसलिए वह 6 महीने की मैटरनिटी लीव पर थीं। उन्हें अंदाजा नहीं था कि कोरोना वायरस के चलते स्थितियां इतनी गंभीर हो जाएगी।
अधिकारी के तौर पर भी है जिम्मेदारी
सृजना ने बताया कि वह एक जिम्मेदार अधिकारी के तौर पर घर में नहीं रुक सकती थीं इसलिए उन्होंने मातृत्व के साथ ही फर्ज को भी अहमियत दी। उन्होंने अपनी छुट्टियां कैंसल कर काम पर वापिसी की। वह अपने 22 दिन के बच्चे को घर पर नहीं छोड़ सकती थीं इसलिए सारे प्रिकॉशन के साथ दफ्तर पहुंचीं।

काम के बीच बच्चे पर भी देती हैं ध्यान
वह ऑफिस में काम के साथ-साथ बच्चे का भी ख्याल रखती हैं। उन्होंने कहा कि इस इमरजेंसी के दौरान लोगों को साफ पानी मुहैया करवाना और साफ-सफाई का ख्याल रखना जरूरी है। जब देशभर के सभी लोग मेहनत कर रहे हैं तो वह भी अपना थोड़ा-सा योगदान क्यों नहीं दे सकती। उनके इस जज्बे व फर्ज को निभाने में परिवार भी उनका सहयोग कर रहा है।

हालांकि परिवार ने बच्चे को घर पर ही छोड़कर जाने को कहा तो वह हर 4 घंटे में जाकर बच्चे को फीड करवाएंगी। उनके पति जो पेशे से वकील है पत्नी की जिम्मेदारियों को समझते हुए घर पर बच्चे को संभाल रहे हैं।
अब मन में देशसेवा को जज्बा और जुनून हो तो कोई बाधा आड़े नहीं आ सकती। सभी इस महिला अवसर की खूब तारीफ और उनके जज्बे को सलाम कर रहे हैं।

