समय से पहले ऑफिस पहुंचना पड़ा महंगा, कंपनी ने दी ऐसी सजा की सुन आप हो जाएंगे हैरान
punjabkesari.in Sunday, Dec 14, 2025 - 05:15 PM (IST)
नारी डेस्क : आमतौर पर ऑफिस देर से पहुंचने पर कर्मचारियों को डांट या सजा मिलती है, लेकिन स्पेन में एक महिला कर्मचारी के साथ बिल्कुल उल्टा हुआ। समय से पहले ऑफिस पहुंचने की आदत उसकी नौकरी जाने की वजह बन गई। हैरानी की बात यह है कि महिला ने जब इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी, तो अदालत ने भी कंपनी के निर्णय को सही ठहरा दिया।
शिफ्ट 7:30 की थी, लेकिन महिला 6:45 पर पहुंच जाती थी
यह मामला स्पेन के एलिकांटे शहर की एक डिलीवरी कंपनी से जुड़ा है। महिला के कॉन्ट्रैक्ट में साफ तौर पर लिखा था कि उसकी सुबह की शिफ्ट 7:30 बजे शुरू होगी, लेकिन वह रोजाना 6:45 से 7:00 बजे के बीच ऑफिस पहुंच जाया करती थी। कंपनी प्रबंधन को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं थी। उनका कहना था कि तय समय से पहले ऑफिस आने पर कोई सुपरवाइजर मौजूद नहीं रहता और इस दौरान बिजली, हीटिंग और अन्य संसाधनों का अनावश्यक इस्तेमाल होता है।

2023 से मिल रही थीं चेतावनियां
कंपनी ने महिला को 2023 में पहली लिखित चेतावनी दी थी और स्पष्ट निर्देश दिए थे कि वह शिफ्ट शुरू होने से पहले ऑफिस न आए। इसके बावजूद महिला ने अपनी आदत नहीं बदली। जनवरी 2025 में मैनेजमेंट ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए महिला को नौकरी से निकाल दिया। कंपनी का तर्क था कि बार-बार चेतावनी के बावजूद नियम तोड़ना भरोसे और वफादारी का उल्लंघन है।
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महिला ने कोर्ट में दी चुनौती
नौकरी से निकाले जाने के बाद महिला ने एलिकांटे की सोशल कोर्ट में मुकदमा दायर किया। उसका कहना था कि समय से पहले आना कोई गलती नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और मेहनत का संकेत है, इसलिए इसे सजा का आधार नहीं बनाया जा सकता।
कोर्ट ने कंपनी के फैसले को ठहराया सही
कोर्ट ने महिला की दलीलों को खारिज करते हुए कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया। जज ने अपने आदेश में कहा, कंपनी ने स्पष्ट और बार-बार निर्देश दिए थे कि कर्मचारी निर्धारित समय से पहले ऑफिस न आए। इन निर्देशों की जानबूझकर अवहेलना की गई, जिससे नियोक्ता और कर्मचारी के बीच विश्वास और वफादारी का रिश्ता टूट गया।

बर्खास्तगी को बताया वैध
अदालत ने साफ किया कि यह मामला सिर्फ जल्दी आने का नहीं है, बल्कि आज्ञाकारिता की कमी और अनुशासनहीनता का है। इसलिए महिला की बर्खास्तगी पूरी तरह वैध मानी गई। कोर्ट ने न तो नौकरी बहाल करने का आदेश दिया और न ही किसी तरह के मुआवजे को मंजूरी दी। बता दें की यह अनोखा मामला अब दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या जरूरत से ज्यादा मेहनती होना भी नौकरी जाने की वजह बन सकता है?

