1600 साल पुराना अनोखा मंदिर, जहां उग्र रूप में विराजमान हैं भगवान शिव और मां पार्वती
punjabkesari.in Sunday, Dec 21, 2025 - 05:06 PM (IST)
नारी डेस्क: भारत में भगवान शिव और मां पार्वती के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां दोनों का शांत और सौम्य रूप देखने को मिलता है। लेकिन केरल में एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां भगवान शिव और मां पार्वती को उग्र रूप और अस्त्र-शस्त्रों के साथ पूजा जाता है। यह मंदिर करीब 1600 साल पुराना बताया जाता है और देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
अनिक्कट्टिलम्मा मंदिर की खासियत
इस खास मंदिर का नाम अनिक्कट्टिलम्मा मंदिर है, जिसे अनिक्कट्टिलम्मक्षेत्रम भी कहा जाता है। यहां भगवान शिव और मां पार्वती का ऐसा संयुक्त रूप देखने को मिलता है, जो दुनिया में और कहीं नहीं मिलता। मान्यता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन की परेशानियों से मुक्ति मिलती है।

कहां स्थित है यह मंदिर
यह मंदिर केरल के पथानामथिट्टा जिले में मालाप्पल्ली शहर के पास स्थित है। मणिमाला नदी के किनारे बसे इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
शिव-पार्वती का उग्र स्वरूप
इस मंदिर में मां पार्वती को आदिपराशक्ति यानी शक्ति के रूप में पूजा जाता है। भगवान शिव किरात (शिकारी) रूप में विराजमान हैं। भगवान शिव के हाथों में धनुष और बाण हैं, जबकि मां पार्वती के हाथ में तलवार है। यहां मां पार्वती को प्रकृति और शक्ति का प्रतीक माना जाता है, जो अपने भक्तों की बच्चों की तरह रक्षा करती हैं। मंदिर की बनावट है बेहद अलग। अनिक्कट्टिलम्मा मंदिर की वास्तुकला बेहद खास है। मंदिर झोपड़ीनुमा संरचना में बना है। छत पर लाल रंग की टाइल्स लगी हैं। इसकी बनावट बौद्ध मंदिरों जैसी दिखाई देती है। मंदिर परिसर में भगवान शिव के भद्र रूप और नागराज का भी अलग मंदिर मौजूद है। मान्यता है कि यह मंदिर एडापल्ली राजवंश के समय बनाया गया था।

आठ दिन की पोंगल पूजा
मंदिर में हर साल आठ दिन तक पोंगल पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दौरान मां पार्वती और भगवान शिव को खीर का भोग लगाया जाता है। यह त्योहार मलयालम महीने मकरम–कुंभम (फरवरी–मार्च) में मनाया जाता है। इस पोंगल पूजा को खासतौर पर महिलाओं का त्योहार माना जाता है। पूजा के समय गर्भगृह में मुख्य रूप से महिलाएं ही पूजा करती हैं और अपने परिवार की सुख-शांति के लिए प्रार्थना करती हैं।
आस्था और इतिहास का अनोखा संगम
अनिक्कट्टिलम्मा मंदिर न सिर्फ धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक और आध्यात्मिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यही वजह है कि यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का एक विशेष केंद्र बना हुआ है।

