कहीं आपके बच्चे की पढ़ाई में कमजोर होने की वजह ये तो नहीं

punjabkesari.in Saturday, Mar 18, 2017 - 04:10 PM (IST)

पेरेटिंग :  माता-पिता बच्चे के सबसे पहले गुरू होते हैं। तभी तो कहते हैं कि बच्चे अपने मां- बाप की परवरिश का आयना होते हैं। एक ओर यहां अच्छी परवरिश का बढ़िया असर नजर आता है वहीं माता- पिता की छोटी सी गल्ती बच्चे के मानसिक संतुलन, उसकी खुशियां व उसके आने वाले जीवन पर बुरा असर डाल सकती है। रोज रोज के माता-पिता के झगड़ों की वजह से बच्चे गुस्सैल जरूर हो जाते हैं। माता-पिता खुद अपने बच्चों की खुशियों पर ग्रहण लगा देते है। आइए उन बुरे प्रभावों के बारे में जानते हैं जो माता-पिता के लड़ाई-झगड़ों के कारण बच्चों पर पड़ते हैं।


1. डिप्रैशन
बच्चे डिप्रैशन का शिकार हो जाते हैं क्योंकि उन्हें खुशहाल माहौल और प्यार नहीं मिलता। जैसे जैसे वे बड़े होते है, वे अपने मन की बातें छुपाने लगते है।


2. सहमें रहना 
बच्चों के सामने मारपीट, बहस और गाली-ग्लौच करते हुए माता-पिता इस बात को भूल जाते हैं कि उनकी इन हरकतों की वजह से उनके बच्चे सारी उम्र डरे सहमें रहते हैं। उन्हें किसी भी रिश्ते को निभाने में डर लगता है। 


3. मानसिक रूप से परेशान
ऐसे माहौल में रहने वाले बच्चों को मानसिक विकास अच्छे से नहीं हो पाता। वह बचपन की मस्तियों को खो देते हैं। कई बार तो बच्चा खुद को ही उन झगड़ों की वजह मानने लगता है।


4. चिड़चिड़ा और गुस्सैल
झगड़े को देखकर उसका स्वभाव भी चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो जाता हैं, जिसका असर जीवन भर उसकी जिंदगी में देखने को मिलता हैं। यही स्वभाव आगे चलकर उसकी लाइफ में बहुत सारी प्रॉब्लम खड़ी कर देता है।


5. पढ़ाई में कमजोर
ऐसे बच्चे का दिमाग कभी फ्रैश नहीं होता। वह न तो ढंग से किसी दूसरे बच्चे से बात कर पाता हैं और न ही पढ़ाई। जिस वजह से वे जिदंगी में सफल नहीं हो पाते।
 


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