इस दिशा में न बनाएं स्टडी रूम हो सकता है बच्चे का नुक्सान

punjabkesari.in Monday, Feb 12, 2018 - 03:23 PM (IST)

हर मां-बाप यही चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़ लिख कर एक काबिल इंसान बने। बच्चे को सफल बनाने के लिए माता- पिता बचपने से ही उनकी पढ़ाई लिखाई पर ध्यान देने लगते हैं। कुछ बच्चे एेसे होते हैं जो बाकी सारे कामों में अच्छे होते हैं परन्तु उसका मन पढ़ाई में नहीं लगता है। अगर आपके बच्चे का दिल भी पढ़ाई में नहीं लगता, तो हो सकता है कि इसमें उसकी गलती ना हो। इसके पीछे आपके गलत दिशा में बनाया स्टडी रुम भी हो सकता है। आज हम आपको वास्तु के हिसाब से स्टडी रूम बनाने और उसके फायदो के बारे में बताएंगे। 

 

1.  चौकोर स्टडी टेबल

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स्टडी टेबल का भी बच्चों की पढ़ाई पर अच्छा और बुरा दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है। एेसे में बच्चों के लिए स्टडी टेबल का चुनाव करते समय वास्तु पर ध्यान दें। वास्तु शास्त्र के अनुसारा विद्यार्थियों के लिए चौकोर टेबल सबसे अच्छी मानी जाती है।

 

2. स्टडी टेबल दरवाजे के सामने न रखें 
कभी भी भूलकर दरवाजे के सामने स्टडी टेबल न लगाएं। इसके एक तो बच्चे का ध्यान बाहर की गतिविधियों पर रहता है। दूसरा इसे बच्चे का मन पढ़ाई पर भी नहीं लगता ।

 

3. सूर्य की रोशनी

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जिस कमरे में बच्चा पढ़ाई करता है। उस कमरे में सूर्य की रोशनी सीधी पड़ती हो इस बात का ध्यान रखें। एेसा होने से बच्चा हमेशा तरोताजा महसूस करता है।

 

4. इस दिशा में न बनाएं स्टडी रूम
दक्षिण व दक्षिण-पूर्व दिशा में स्टडी रूम न बनाएं। इस दिशा में बैठकर पढ़ाई करने से बच्चा हमेशा तनाव में रहता है।

 

5. स्टडी रूम बनाएं इस दिशा में

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उत्तर-पूर्व या पूर्व वाली दिशा में ही बच्चे का स्टडी रूम बनाएं। इस तरफ बैठने से बच्चे का मन हमेशा पढ़ाई में लगाता है। इसके साथ ही बच्चे  की एकाग्रता बढ़ेगी।

 

6. सरस्वती और गणेश की प्रतिमा
 विद्या की देवी  मां सरस्वती और गणेश जी की प्रतिमा हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। 


 


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