बच्चे काे है झूठ बोलने की आदत, ताे इन Tips से सच और झूठ में करें फ़र्क

punjabkesari.in Saturday, Sep 09, 2017 - 01:41 PM (IST)

बच्चे बहुत नादान हाेते हैं। उनके व्यक्तित्व को जैसा चाहे वैसा आकार दिया जा सकता है। हर माता-पिता काे चाहिए कि वे अपने बच्चे काे एेसी परवरिश दें कि वे कभी झूठ न बाेलें। अगर बच्चाें काे बचपन से ही झूठ बाेलने की अादत पड़ जाए, ताे यह बड़े हाेकर मुसीबत का कारण बन सकती है। इसलिए अगर अापके बच्चे काे भी एेसी अादत है, ताे समय रहते इसे पहचानें और दूर करने की काेशिश करें।
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इन टिप्स से करें सच और झूठ में फ़र्कः-

- Face Reading
बच्चे के चेहरे और Body Language पर ध्यान दें। अकसर झूठ बोलते समय बच्चे नज़रें चुराते हैं, कपड़े के कोने से खेलते हैं, उनके माथे पर बल पड़ने लगता है या फिर पसीना भी आने लगता है।

- बात बदलने पर देखें Reaction 
अापका बच्चा झूठ बाेल रहा है या नहीं, यह जानने के लिए बात बदल कर देखें। अगर इससे वह सहज महसूस करें और उसका रिएक्शन चेंज हाे, ताे समझ जाएं कि दाल में कुछ काला है। 

- बात करने का ढंग
अगर बच्चा झूठ बाेल रहा है, ताे वह बात करते हुए हड़बड़ाएगा। वो साफ-साफ अपनी बात नहीं कह पाएगा।

- Aggressive 
अगर बच्चा किसी बात पर अचानक गुस्सा करने लगे और बार-बार एक ही सवाल पूछे जाने से चिड़चिड़ा हो जाए, ताे समझ जाना चाहिए कि वो कोई बात छिपा रहा है।

- अजीब हरकतें
पैरेंट्स के डर से कई बार बच्चे झूठ बाेल देते हैं और अपने इस झूठ काे छिपाने के लिए वह अजीबाेगरीब हरकतें करना शुरु कर देते हैं। उस समय अापकाे बच्चे से अाराम से बात करने की जरूरत है, ताकि वह बिना डरे अापसे अपनी बात कह पाए। याद रखें, गुस्से से किसी भी बात का हल नहीं निकलता। आपके बच्चे को सच्चाई की अहमियत का एहसास कराना पैरेंट्स की ही ज़िम्मेदारी है।
 


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