क्या आईवीएफ बच्चे भी हो सकते है दूसरे बच्चों की तरह बुद्धिमान

punjabkesari.in Tuesday, Aug 22, 2017 - 09:54 AM (IST)

कई बार महिलाएं प्रकृतिक तरीके से गर्भ-धारण नही कर पाती है। जो महिलाें कुदरती तरीके से गर्भ धारण नहीं कर पाती वो इसके लिए आईवीएफ का सहारा लेती है लेकिन पेरेंटस को अक्सर इस बात का डर रहता है कि बच्चे को कोई नुकसान न हो। अप्राकृतिक रूप से पैदा हुए बच्चों में समय से पहले पैदा होने का रिस्क होता है, पर एक शोध के द्धारा इस बात का पता चला है कि इस तरह से हुए बच्चे मानसिक और शारीरिक तौर पर स्वस्थ भी हो सकते है।

 

क्या है आईवीएफ
जो महिलाएं प्रकृतिक तरीके से गर्भ धारण नहीं कर सकती उनके गर्भाशय में आईवीएफ यानी 'इन विट्रो फर्टिलाइजेशन' की मदद से भ्रूण को गर्भाश्य में डाला जाता है। इस प्रक्रिया को 'टेस्ट ट्यूब बेबी' के नाम से भी जाना जाता है। इसे ज्यादातर 35 साल से अधिक उम्र की महिलाएं करवाती है। क्योंक वो महिलाें प्रकृतिक तरीके से गर्भ धारण नहीं कर सकती।ऐसा इसलिए होता है कि 35 साल के बाद महिलाओं का गर्भ भ्रूण को संभाल नहां पाता। इस प्रक्रिया द्धारा महिलाओं के गर्भाशय में अक से अधिक भ्रूण डाला जाता है ताकि उसमें से एक का पूरी तरह विकास हो सके।

PunjabKesari

क्यों डाले जाते हैं एक से अधिक भ्रूण
आईवीएफ तकनीक बेहद महंगी होती है और अगर इतना पैसा खर्च करने के बाद भी कोई परिणाम न निकलना दंपती बहुत निराश हो जाते है। इसलिए अच्छे परिणाम के इरादे से इस जोखिम को उठाया जाता है। इस प्रक्रिया में कई बार परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। कई बार तो भ्रूण दो या तीन भ्रूण एक साथ विकसित हो जाते है। जिसके कारण बच्चा स्वस्थ पैदा नहीं हो पाता और कई बार जन्म के तुरंत बाद इनकी मौत भी हो जाती है। इनसे बचने के लिए रिसर्च में कुछ बदलाव किए गए जिसके चलते शरीर में एक ही भ्रूण डाला जाने लगा। इस रिर्सच के परिणाम काफी हद तक सफल रहें।

PunjabKesari

मानसिक तौर पर सुरक्षित
इस रिर्सच के दौरान ये बात भी सामने आई है कि अप्रकृतिक रुप से हुए बच्चे भी दूसरे बच्चों की तरह शारीरिक और मानसिक तौर से सुरक्षित होते है। इस तरह के बच्चों का विकास भी सामान्य बच्चों की तरह होता है। रिर्सच में इस बात को भी सामने लाया गया कि इस तरह के बच्चों की सोचने की क्षमता में कमी नहीं आती। 2000 से 2001 में इस प्रक्रिय द्धारा करीब 15,281 बच्चों ने जन्म लिया। जिनमें से अधिकतर बच्चे मानसिक और शारीरिक तौर पर सुरक्षित पाएं गए। इसके अलावा इस तरह के बच्चों म केवल बुद्धिमान होते है बल्कि वो अपना जीवन भी दूसरे बच्चों की तरह सामान्य होता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Punjab Kesari

Recommended News

Related News

static