इंडिया का क्या होगा... लॉकडाउन हटा तो फिर नदी से नाला बनी यमुना
punjabkesari.in Monday, Aug 03, 2020 - 11:32 AM (IST)
लॉकडाउन लगने से भले ही 3 महीने लोगों को घर में कैद रहना पड़ा था लेकिन इसकी वजह से दुनियाभर की आवो-हवा साफ हो गई थी। यही नहीं, लॉकडाउन के चलते गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों का पानी भी काफी साफ हो गया था। जो काम करोड़ों रुपए का प्रोजेक्ट नहीं कर पाया वह 3 महीने के लॉकडाउन से हो गया था। मगर, लॉकडाउन खुलने से अब भी प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है और नदियां नाले बनने लगे हैं।
30 साल में पहली बार यमुना का पानी पीने लायक बन गया था। यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलने वाली यमुना 7 राज्यों से गुजरती है, जिससे रोजाना 57 मिलियन लोगों की जरूरतें पूरी होती है। मगर, अफसोस की बात है कि यमुना नदी में लॉकडाउन हटने के बाद फिर झाग दिखने लगा।
घरों का कचरा, सीवेज का पानी, फैक्ट्रियों के केमिकल और टॉक्सिक आदि ने यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता खराब करके रख दी है। अब इस पवित्र यमुना नदी में सिर्फ काला पानी और सफेद झाग ही दिखाई देता है। बता दें कि यमुनोत्री से इलाहबाद 1370 कि.मी. बहने वाली यमुना 54 कि.मी. हिस्सा दिल्ली में पड़ता है और यही से नदी के प्रदूषण का 76% हिस्सा निकलता है। नदी में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की वजह से दिल्ली के 3 बड़े वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी का प्रोडक्शन 75% भी कम हो गया है।
सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि आगरा यमुना नदी के किनारों पर भी गंदगी देखने को मिल रही है। वहीं, नालों से गिरता गंदा पानी भी यमुना को जहरीला बना रहा है। रिपोर्ट की मानें तो अभी भी 70 नाले सीधे यमुना नदी में गिर रहे हैं, जिससे पानी दूषित हो रहा है।
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