World TB Day: सिर्फ खांसी ही नहीं, ये 10 लक्षण भी देते हैं टीबी का संकेत
punjabkesari.in Sunday, Mar 24, 2019 - 11:12 AM (IST)

ट्यूबरक्लोसिस (TB) यानी क्षयरोग 'मायकोइक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस' नामक बैक्टीरिया से होने वाली ऐसी बीमारी है, जो हवा के जरिए एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। इसका सबसे पहला लक्षण खांसी है। हालांकि इसके अलावा भी बहुत से लक्षण है, जो टीबी की ओर इशारा करते हैं। आज वर्ल्ड टीबी डे के मौके पर हम आपको बताएंगे इस बीमारी के लक्षण और बचाव, जिससे आप इसके खतरे को काफी हद कम कर सकते हैं।
भारत से तेजी से बढ़ता जानलेवा रोग
टीबी यानि ट्यूबरकुलोसिस (Tuberculosis) रोग भारत में बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, टीबी के 28 लाख मामले, इस रोग से 42.3 लाख लोगों की मौत और प्रति 1 लाख लोगों में 211 नए इंफेक्शनों के कारण भारत इस बीमारी को लेकर दुनिया में सबसे बड़ी संख्या वाला देश बन गया है। इनमें MDR-TB रोगियों की गिनती सबसे ज्यादा है। वहीं ऐसे मामले भी कम नहीं है, जिनमें टीवी की पहचान ही नहीं हो पाई और ना ही इलाज शुरू।
कैसे फैलती है यह बीमारी?
टीबी हवा के माध्यम से फैलती है जैस- फ्लू। जब कोई व्यक्ति बीमार होता है तो उसके बोलने, छींकने या हंसने पर बैक्टीरिया निकलते हैं, जिसके संपर्क में आने से स्वस्थ व्यक्ति भी इसकी चपेट में आ जाता है। इस बीमारी के रोगाणु धीरे-धीरे बढ़ते हैं। इसकी शुरुआत आमतौर पर फेफड़ों से होती हैं लेकिन इसके अलावा यह ब्रेन, यूटर्स, मुंह, लिवर, किडनी, गले, हड्डी आदि शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती हैं लेकिन फेफड़ों के अलावा बाकी टीबी फैलने वाली नहीं होती।
कैसे पहचानें लक्षण
2 हफ्तों से ज्यादा खांसी रहना
खांसी के साथ बलगम व खून आना
सांस लेने में परेशानी
सीने में तेज दर्द
थूक का रंग बदलना
खांसते समय दर्द महसूस
शाम या रात के वक्त बुखार आना
भूख कम लगना
थकान और कमजोरी
रात को पसीना आना
वजन कम होना
बचाव
पैदा होते ही बच्चे को BCG का टीका लगवाएं। इसस इस बीमारी का खतरा 80 फीसदी कम होता है।
न्यूट्रिशन से भरपूर खासकर प्रोटीन डाइट (सोयाबीन, दालें, अंडा, पनीर आदि) लें। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होगा, जिससे आप इस बीमारी से दूर रहेंगे।
ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
कम रोशनी वाली और गंदी जगहों पर न रहें और वहां जाने से परहेज भी करें।
स्मोकिंग से परहेज करें क्योंकि इससे टीबी का खतरा ज्यादा होता है।
शुगर के मरीजों और स्टेरॉयड लेने वालों लोगों को भी खास ख्याल रखना चाहिए। इनमें टीबी का खतरा ज्यादा होता है।
मरीज क्या करें
पूरा करें दवाइ का कोर्स
तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी होने पर डॉक्टर को दिखाएं। दवा का पूरा कोर्स लें, वह भी नियमित तौर पर। डॉक्टर से बिना पूछे दवा बंद न करे। आमतौर पर बीमारी खत्म होने के लक्षण दिखने पर मरीज को लगता है कि वह ठीक हो गया है और इलाज रोक देता है। ऐसा बिलकुल न करें। इससे दवा के प्रति रेजिस्टेंट पैदा हो सकता है और बीमारी तो बढ़ ही सकती है, दूसरों में भी टीबी फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
मास्क पहनकर रखें
मरीज मास्क पहनकर रखें क्योंकि यह बीमारी हवा के साथ फैलती है। ऐसे में हर बार खांसने व छींकने से पहले मुंह को पेपर नैपकिन से कवर कर लें। इस नैपकिन को ढक्कनवाले डस्टबिन में डालें। बाद में इन नैपकिन को आग लगा दें।
खुले में ना थूकें
यहां-वहां थूकें नहीं। मरीज किसी एक प्लास्टिक बैग में थूके और उसमें फिनाइल डालकर अच्छी तरह बंद कर डस्टबिन में डाल दें। प्लास्टिक में आग लगाने से बचें।
हेल्दी लाइफस्टाइल
मरीज खूब पौष्टिक खाना खाए। साथ ही रोजाना एक्सरसाइज व योग करें। इसके अलावा मरीज बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तंबाकू, शराब आदि से परहेज करें।