Year Ender 2025: इन 10 गलत आदतों ने बिगाड़ा पूरा साल, 2026 में बिल्कुल न करें ये भूल
punjabkesari.in Thursday, Dec 18, 2025 - 03:25 PM (IST)
नारी डेस्क: साल 2025 खत्म होते-होते बहुत से लोगों को यह एहसास हुआ कि उनकी जिंदगी को सबसे ज्यादा नुकसान किसी बड़ी गलती ने नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की कुछ छोटी-छोटी आदतों ने पहुंचाया। ये आदतें इतनी आम थीं कि लोग इन्हें गंभीरता से नहीं लेते रहे, लेकिन पूरे साल इनका असर शरीर, दिमाग, करियर और लाइफस्टाइल पर साफ दिखाई दिया। आइए आसान और साफ भाषा में समझते हैं कि 2025 में कौन-सी आदतें सबसे ज्यादा नुकसानदेह साबित हुईं।
शारीरिक रूप से एक्टिव न रहना
2025 में बहुत से लोग घंटों कुर्सी पर बैठे रहे और शरीर को हिलाने-डुलाने का समय ही नहीं निकाला। ऑफिस का काम, घर आकर मोबाइल या टीवी सब कुछ बैठकर ही होता रहा। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो गया, वजन बढ़ने लगा और डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ गया। थोड़ी सी रोज़ की वॉक या एक्सरसाइज भी न करना लंबे समय में बहुत नुकसानदायक साबित हुआ।

अनियमित खाना और मील स्किप करना
कई लोगों ने बिज़ी लाइफ के कारण नाश्ता छोड़ना, देर से खाना या कभी बहुत ज्यादा तो कभी बहुत कम खाना शुरू कर दिया। इससे पाचन तंत्र बिगड़ गया। पूरे साल पेट की समस्याएं, कमजोरी, थकान और चिड़चिड़ापन बना रहा। शरीर को समय पर सही पोषण न मिलने से एनर्जी लेवल भी लगातार गिरता गया।
नींद की कमी
देर रात तक मोबाइल चलाना, सोशल मीडिया देखना या काम करते रहना 2025 की आम आदत बन गई। इसकी वजह से नींद पूरी नहीं हो पाई। कम नींद ने लोगों की याददाश्त कमजोर कर दी, मूड स्विंग्स बढ़ा दिए और इम्युनिटी भी कम हो गई। कई लोग बिना वजह बीमार पड़ते रहे, लेकिन असली कारण नींद की कमी ही थी।
जरूरत से ज्यादा स्क्रीन टाइम
मोबाइल, लैपटॉप और टीवी पर घंटों बिताना अब सामान्य बात हो गई। इससे आंखों में जलन, सिरदर्द और नींद की समस्या बढ़ी। लगातार स्क्रीन देखने से दिमाग पर भी दबाव पड़ा, जिससे मानसिक तनाव और फोकस की कमी पूरे साल बनी रही। लोग काम तो करते रहे, लेकिन ध्यान केंद्रित नहीं कर पाए।

खराब खानपान और कम पानी पीना
फास्ट फूड, प्रोसेस्ड चीजें और मीठे ड्रिंक्स का ज्यादा सेवन 2025 में सेहत पर भारी पड़ा। इससे शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिला और एनर्जी लेवल गिर गया। साथ ही, कम पानी पीने से डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ी, जिससे पाचन खराब हुआ और त्वचा से जुड़ी परेशानियां भी सामने आईं।
मल्टीटास्किंग की आदत
एक साथ कई काम करने को लोग स्मार्टनेस समझते रहे, लेकिन हकीकत में इससे प्रोडक्टिविटी कम हो गई। दिमाग लगातार दबाव में रहा और काम की क्वालिटी भी खराब हुई। पूरे साल मानसिक थकान और तनाव बढ़ता गया, क्योंकि दिमाग को कभी आराम ही नहीं मिला।
तनाव को नजरअंदाज करना
काम का दबाव, जिम्मेदारियां और भविष्य की चिंता इन सबको लोग हल्के में लेते रहे। उन्होंने समय रहते स्ट्रेस को संभालने की कोशिश नहीं की। नतीजा यह हुआ कि तनाव ने नींद, पाचन और मानसिक स्वास्थ्य को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाया। कई लोग एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से भी जूझते रहे।
सेल्फ केयर को टालना
अपने लिए समय निकालना लोगों को बेकार या लग्ज़री लगने लगा। बिना ब्रेक लिए लगातार काम करते रहना 2025 में बर्नआउट का बड़ा कारण बना। लोग बहुत देर से समझ पाए कि खुद की देखभाल कोई शौक नहीं, बल्कि जरूरत है। इसका असर मानसिक और शारीरिक दोनों सेहत पर पड़ा।

हर समय बिज़ी रहने की आदत
लगातार व्यस्त रहना लोगों को सफल होने का संकेत लगता रहा। लेकिन इस आदत ने शरीर और दिमाग को थका दिया। आराम और रुकने का समय न मिलने से एनर्जी खत्म होने लगी और काम में भी मन नहीं लगा।
हर बात पर “हां” कहना
दूसरों को खुश करने के चक्कर में लोग अपनी सीमाएं तय नहीं कर पाए। हर काम के लिए हां कहना मानसिक और शारीरिक थकावट का कारण बना। पूरे साल लोग खुद को नजरअंदाज करते रहे, जिससे आत्म-संतुलन और आत्म-सम्मान दोनों प्रभावित हुए। साल 2025 ने यह सिखाया कि बड़ी परेशानियां अक्सर छोटी-छोटी गलत आदतों से पैदा होती हैं। अगर समय रहते इन आदतों पर ध्यान दिया जाए, तो न सिर्फ सेहत बल्कि करियर और जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर हो सकती है। आने वाले सालों में इन गलतियों से सीख लेना ही सबसे बड़ा सबक है।

