तलाक लेने के बाद भी महिलाओं को नहीं मिलती आजादी, समाज से सुनने पड़ते हैं ताने !

punjabkesari.in Tuesday, May 09, 2023 - 10:44 AM (IST)

तलाक  शब्द अपने आप में कई सारे सवाल खड़े करता है। खासकर इसके बाद महिलाओं का जीवन और भी कठिन हो जाता है। यदि दोनों पति-पत्नी में आपसी सहमति है तो तलाक के लिए 6 महीने का इंतजार कानूनी तौर पर भी जरुरी नहीं होगा। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है। बेंच ने कहा है कि यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 142 के अंतगर्त मिली विशेष शक्ति का इस्तेमाल करके सुप्रीम कोर्ट यह आदेश दे सकता है। 

महिलाओं पर नहीं रहेगा कोई भी प्रतिबंध

जजों के द्वारा लिया गया नया फैसला भारतीय महिलाएं जो तलाक लेना चाहती हैं उनके हित में काम करेगा। वहीं यदि पुराने आंकड़ों को देखा जाए तो ज्यादातर तलाकशुदा महिलाएं अपने पति द्वारा प्रताड़ित हुई होती हैं या उनके पति द्वारा उन्हें इमोशनल तरीके से ब्लैकमेल किया जाता है। वहीं उनमें से ज्यादातर महिलाओं को तो अपने पति के विरुद्ध जाकर निर्णय लेने का हक भी नहीं होता है। कई बार तो महिलाओं को अपनी शादी के बाद भी जीवन जीने का अधिकार भी नहीं होता और वह अपने पति के द्वारा प्रताड़ित भी की जाती हैं। इसके अलावा कुछ महिलाओं को अपनी पति के शक का शिकार होना पड़ता है जिसके कारण उन्हें तलाक जैसा फैसला भी लेना पड़ता है। वहीं यदि आंकड़ों की मानें तो तलाकशुदा महिलाएं 42.9% ज्यादा वॉयलेंस का शिकार होती हैं वहीं जबकि इनमें से शादीशुदा महिलाएं का आंकड़ा केवल 27.3% का है। कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान भी फिजिकल वॉयलेंस का शिकार होना पड़ता है। जबकि उनमें से शादीशुदा महिलाओं का आंकड़ा कम है। 

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पति के द्वारा किए गए जुल्मों के कारण लेना पड़ता है फैसला

21% तलाकशुदा महिलाएं अपने पति के द्वारा कई बार प्रताड़ित हो कचुकी होती है और वहीं इनमें से 10.1%महिलाएं शादीशुदा महिलाएं शामिल होती हैं। तलाकशुदा महिलाएं को भी अपने पति के द्वारा कंट्रोल किया जाता है वहीं इसके मुकाबले यदि बात की जाए शादीशुदा महिलाओं की तो उनका आंकड़ा इतना नहीं है। वहीं इन सब आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं को अपने पति से दूर होने का निर्णय उनके द्वारा किए गए प्रताड़ित किए जाने के कारण लिया जाता है। 

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महिलाओं को जल्दी आगे बढ़ने में करेगा मदद 

सुप्रीम कोर्ट का नया फैसला महिलाओं को जीवन में जल्दी आगे बढ़ने में सहायक होगा। वहीं आंकड़ों की मानें तो तलाकशुका महिलाएं शादीशुदा महिलाओं के मामले में ज्यादा नौकरी करती हैं। यहां 49.1% तलाकशुदा महिलाएं नौकरी करती हैं वहीं शादीशुदा 26.6%महिलाएं नौकरी करती हैं। इसके अलावा 72.8% तलाकशुदा महिलाएं अपने फैसले के अनुसार, ही पैसे खर्च करती हैं।

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 तलाकशुदा महिलाओं जो अपने पति से प्रताड़ित होती हैं उनमें से सिर्फ 30% शादीशुदा महिलाओं से ज्यादा है। महिलाएं अपने पति के प्रताड़ना का शिकार होती हैं। वहीं तलाकशुदा महिलाएं शादी के बाद भी आजाद नहीं होती उनकी स्वतंत्रता भी छिन सकती है। इसके अलावा 70% महिलाएं को ही यह छूट होती है कि वह कहां जाना चाहती हैं और अपने पैसे को कैसे इस्तेमाल करना चाहती हैं। 


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palak

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