30 प्लस महिलाएं जरूर करवाएं ये Test, हर छोटी-बड़ी बीमारी का Risk खत्म
punjabkesari.in Wednesday, Aug 06, 2025 - 08:18 PM (IST)

नारी डेस्कः महिलाओं का शरीर 30 के बाद कमजोर होने लगता है और मेटाबॉल्जिम स्लो। इसलिए इस उम्र के बाद से महिलाओं के लिए कुछ रूटीन में ब्लड टेस्ट और कुछ और जरूरी टेस्ट करवाने जरूरी रहती हैं जिन्हें साल में 1 बार तो करवाना ही चाहिए ताकि भविष्य में गंभीर बीमारियों का जोखिम समय रहते कम किया जा सके। यह टेस्ट न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि हार्मोनल, मेटाबॉलिक और हॉर्मोन संतुलन की जानकारी भी देते हैं।
30+ महिलाओं के लिए जरूरी ब्लड टेस्ट्स
1. कंप्लीट ब्लड काउंट (Complete Blood Count (CBC) – ब्लड टेस्ट की पूर्ण जांच
क्यों जरूरी: एनीमिया (खून की कमी), संक्रमण या किसी प्रकार की सूजन की पहचान।
लक्षण: थकान, कमजोरी, सिरदर्द, चक्कर आदि होने पर जरूरी।
2. थायराइड फंक्शन टेस्ट (Thyroid Function Test (T3, T4, TSH)
क्यों जरूरी: हाइपोथायरॉइडिज्म/हाइपरथायरॉइडिज्म की पहचान।
महिलाओं में थायरॉइड असंतुलन बहुत सामान्य है।
3. ब्लड शुगर टेस्ट (Blood Sugar Test)
Fasting Blood Sugar (FBS) & HbA1c (3 महीने की औसत शुगर)
क्यों जरूरी: डायबिटीज या प्री-डायबिटीज की पहचान।
लाइफस्टाइल में शुगर पर नजर रखना जरूरी है।
4. लिपिड प्रोफाइल (Lipid Profile) (Cholesterol Test)
क्यों जरूरी: कोलेस्ट्रॉल, LDL, HDL, Triglycerides का स्तर पता चलता है।
हार्ट डिजीज, स्ट्रोक का रिस्क कम करने के लिए जरूरी।
5. लिवर टेस्ट- Liver Function Test (LFT)
क्यों जरूरी: फैटी लिवर, लीवर एंजाइम्स की असंतुलन का पता चलता है।
लाइफस्टाइल की वजह से लीवर पर असर पड़ सकता है।
6. गुर्दे की जांच-Kidney Function Test (KFT)
क्यों जरूरी: किडनी की कार्यक्षमता और स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए।
7. विटामिन डी टेस्ट (Vitamin D Test)
क्यों जरूरी: हड्डियों, मसल्स और इम्यून सिस्टम के लिए।
80% महिलाएं Vitamin D की कमी से जूझती हैं।
8. विटामिन B12 टेस्ट (Vitamin B12 Test)
क्यों जरूरी: नसों की हेल्थ, एनर्जी और ब्रेन फंक्शन के लिए।
B12 की कमी से हाथ-पैर में झनझनाहट, कमजोरी होती है।
9. कैल्शियम टेस्ट
क्यों जरूरी: हड्डियों की मजबूती और हार्मोनल संतुलन के लिए।
हड्डी कमजोर होने पर Osteoporosis का खतरा बढ़ता है।
10. आयरन टेस्ट (Serum Ferritin)
क्यों जरूरी: शरीर में आयरन स्टोर्स की जांच के लिए।
बार-बार थकान और एनीमिया की स्थिति में जरूरी।
11. हार्मोनल टेस्ट (LH, FSH, Prolactin, Estrogen, Progesterone)
क्यों जरूरी: अनियमित पीरियड्स, PCOS/PCOD, फर्टिलिटी इश्यूज में।
मेनोपॉज के लक्षणों की पहचान के लिए।
अन्य जरूरी हेल्थ चेकअप
पेप स्मीयर टेस्ट (Pap Smear Test)ः हर तीन साल में करवाएं इससे सर्वाइकल कैंसर की जांच होगी।
ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड/ मैमोग्राफी (Breast Ultrasound/Mammography)ः 35 साल के बाद महिला को हर साल ये टेस्ट करवाने चाहिए अगर रिस्क फैक्टर हो। इसमें ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग का पता लगाया जाता है।
पेल्विक अल्ट्रासाउंड (Pelvic Ultrasound): साल में एक बार ये टेस्ट भी जरूर करवाएं। इससे यूट्रस , ओवरी में सिस्ट, फाइब्रॉइड की जांच की जाती है।
बॉन डेंसिटी टेस्ट (Bone Density Test (DEXA Scan): 35 से 40 साल के बाद हर साल 2-3 साल के बीच में डाक्टरी सलाह लेकर ये टेस्ट जरूर करवाएं। इससे आपकी हड्डियो ंकी मजबूती की जांच होगी।
हार्ट चेकअप (ECG/Echo) हर महिला को डॉक्टर की सलाह से हार्ट चेकअप जरूर करवाना चाहिए। इससे हार्ट डिजीज का रिस्क देखने के लिए जांच कि जाती है।
क्यों जरूरी है ये टेस्ट?
30 के बाद महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, थायरॉइड समस्याएं, एनीमिया, डायबिटीज, हड्डी कमजोर होना (Osteoporosis), फर्टिलिटी संबंधी समस्याएं बढ़ने लगती हैं।
समय रहते ये टेस्ट करवा कर लाइफस्टाइल में सुधार और इलाज से गंभीर बीमारियों को रोका जा सकता है।
Conclusion:
30+ महिलाओं को सालाना Blood Tests और 3-5 साल में एक बार कैंसर स्क्रीनिंग जरूर करवानी चाहिए। यह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की समय रहते पहचान और समाधान में सहायक होता है।