मां के दूध में यूरेनियम: बच्चों की सेहत पर खतरा और कैंसर का डर, डॉक्टर से जानें सच
punjabkesari.in Sunday, Nov 23, 2025 - 12:29 PM (IST)
नारी डेस्क : बिहार से एक बेहद चिंताजनक खबर सामने आई है। हाल ही में किए गए शोध में पाया गया कि राज्य के छह जिलों की हर जांची गई महिला के स्तन दूध में यूरेनियम मौजूद है। यह सुनकर हर कोई चौंक गया क्योंकि मां का दूध नवजात शिशु के लिए सबसे सुरक्षित और पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है। यूरेनियम, जो पहले भूजल और मिट्टी में पाया जाता था, अब सीधे नवजात शिशुओं तक पहुंच रहा है। नवजात शिशु के अंग अभी विकसित हो रहे होते हैं, इसलिए उनका शरीर हानिकारक तत्वों को आसानी से अवशोषित कर लेता है। इससे गुर्दे, मस्तिष्क और विकास पर असर पड़ सकता है और भविष्य में गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। इस लेख में जानिए कि यूरेनियम मां के दूध में कैसे पहुंचता है, बच्चों पर इसके संभावित प्रभाव, और मां और बच्चे दोनों को सुरक्षित रखने के उपाय।
रिसर्च के बारे में
रिपोर्ट के मुताबिक, महावीर कैंसर संस्थान, पटना और एम्स, दिल्ली के संयुक्त अध्ययन में 40 महिलाओं के स्तन दूध का परीक्षण किया गया। सभी नमूनों में यूरेनियम पाया गया, जिसकी मात्रा 0 से 5.25 माइक्रोग्राम/लीटर तक थी। यूरेनियम, जो पहले भूजल में लंबे समय से पाया जा रहा था, अब सीधे नवजात शिशुओं तक पहुंच रहा है। यह सवाल उठता है कि क्या अब मां का दूध भी बच्चे के लिए सुरक्षित नहीं है।

यूरेनियम शरीर में कैसे पहुंचता है?
डॉक्टर के अनुसार: यूरेनियम एक हैवी मेटल है जो मिट्टी और पानी में प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है।
यह भूजल या उस पानी से उगाई गई सब्ज़ियों के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है।
शरीर में जमा होने पर यह बोन और किडनी में स्टोर होकर ब्लड के जरिए स्तनों तक पहुंचता है और वहां से दूध में स्थानांतरित हो सकता है।
जब बच्चा यह दूध पीता है, तो यूरेनियम उसके शरीर में भी पहुंच जाता है।
यें भी पढ़ें : रिपोर्ट में हुआ खुलासा: इन दो ब्लड ग्रुप वालों को सबसे ज्यादा Heart Attack का खतरा!
यूरेनियम से बच्चों पर क्या असर पड़ सकता है?
शारीरिक विकास पर असर: नवजात और छोटे बच्चों के अंग अभी विकसित हो रहे होते हैं, इसलिए यूरेनियम के प्रभाव अधिक होते हैं।
गुर्दे और न्यूरोलॉजिकल सिस्टम: गुर्दे को नुकसान और मस्तिष्क/नर्वस सिस्टम पर दुष्प्रभाव।
भविष्य में कैंसर का खतरा: लंबे समय तक शरीर में जमा होने पर कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
विकास और वजन पर असर: बच्चे का वजन और हाइट बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है।

क्या मां का दूध देना बंद कर देना चाहिए?
नहीं। विशेषज्ञों का कहना है कि मां का दूध बच्चे के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें ऐसे पोषक तत्व और एंटीबॉडीज मौजूद होते हैं जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और संक्रमण से बचाते हैं। हालांकि, यदि किसी मां में यूरेनियम का स्तर बहुत अधिक पाया जाए, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार फॉर्मूला फीड का विकल्प अपनाया जा सकता है। इससे बच्चे को पोषण मिलेगा और हानिकारक तत्वों के जोखिम को कम किया जा सकता है।
यें भी पड़ें : कैंसर का दुश्मन है ये फल! सिर्फ दो महीने मिलता है, जानिए इसके गजब के फायदे
सावधानियां जो मां अपना सकती हैं
पानी का ध्यान रखें: हमेशा फिल्टर्ड या आरओ पानी पिएं।
सुरक्षित भोजन: जिन सब्ज़ियों और फलों को आप खाते हैं, उनका स्रोत यूरेनियम मुक्त होना चाहिए।
नियमित जांच: जरूरत पड़ने पर यूरेनियम लेवल की जांच कराएं।
डॉक्टर से परामर्श: अगर लेवल अधिक पाया जाए, तो फॉर्मूला फीड का इस्तेमाल केवल विशेषज्ञ की सलाह से करें।

यूरेनियम बच्चों के लिए खतरा हो सकता है, लेकिन यह मां के दूध को पूरी तरह बंद करने का संकेत नहीं है। सावधानी और सही उपायों के साथ मां का दूध सबसे सुरक्षित और लाभकारी पोषण है। समय पर जांच और सुरक्षित पानी व भोजन का ध्यान रखने से बच्चे और मां दोनों को यूरेनियम के हानिकारक प्रभाव से बचाया जा सकता है।

