कहीं पैदा हुई सरस्वती तो कहीं जन्मे भोलेनाथ, महाकुंभ में मां गंगा ने भर दी गोद
punjabkesari.in Monday, Feb 10, 2025 - 07:31 PM (IST)
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नारी डेस्क: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के संगम तट पर चल रहा महाकुंभ मेला कई घटनाओं का गवाह बना। जहां इस मेले ने किसी को अपना खोया हुआ सदस्य मिलवाया तो वहीं एक दर्दानाक घटना ने कई परिवारों को बिखेर दिया। इसी बीच दिल को खुश कर देने वाली एक खबर सामने आई है। महाकुंभ में अभी तक कुल 12 बच्चों का जन्म हुआ है और इनके माता पिता में से किसी ने अपने बच्चे का नाम गंगा, किसी ने जमुना, किसी ने भोले नाथ तो किसी ने बजरंगी रखा है।
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सेक्टर दो स्थित सेंट्रल हॉस्पिटल की मैटर्न रमा सिंह ने बताया कि कल रात एक महिला ने बेटे को जन्म दिया, एसे में उनका पति बेटे का नाम कुंभ रखने पर अड़ा हैं। कि कुंभ नाम 29 दिसंबर को जन्मे एक बच्चे का पहले ही रखा जा चुका है। अब इस बच्चे को कुंभ-2 नाम दिया है। बेटे के पिता दीपक ने बताया- “मैं हरियाणा में नौकरी करता हूं और सेक्टर 18 में मेरी मां कल्पवास कर रही हैं। उनकी सेवा के लिए मैं छुट्टी लेकर अपनी पत्नी नेहा के साथ यहां आया था। कल रात प्रसव पीड़ा उठने पर पत्नी को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने बेटे को जन्म दिया” । दीपक ने कहा, “भले ही अस्पताल वाले मेरे बेटे का नाम कुंभ नहीं रख रहे हैं, मैं उसका नाम कुंभ ही रखूंगा क्योंकि वह इस महाकुंभ में पैदा हुआ है”।
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ऐसे ही बसंत पंचमी को रात में एक महिला ने बेटे को जन्म दिया जिसका नाम बसंत रखा गया। वहीं, इसी स्नान पर्व पर एक महिला ने बेटी को जन्म दिया जिसका नाम बसंती रखा गया। सेंट्रल हॉस्पिटल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर मनोज कौशिक ने बताया कि सेंट्रल हॉस्पिटल में अभी तक कुल 12 बच्चों का जन्म हो चुका है। सभी प्रसव सामान्य तरीके से कराए गए। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों जैसे जहांगीराबाद (बाराबंकी), चित्रकूट, कौशांबी और कई प्रदेशों जैसे झारखंड, मध्य प्रदेश आदि की महिलाओं का प्रसव कराया गया। रमा सिंह बताया कि प्रसव उपरांत ज्यादातर लोग जल्दी छुट्टी मांगते हैं, लेकिन हमें 24 घंटे तक प्रसूती को निगरानी में रखना पड़ता है जिसके बाद ही हम छुट्टी देते हैं।
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उनका कहना है कि बहुत सी महिलाएं प्रसव की तिथि नजदीक होने के बावजूद मेले में इस आस्था के साथ आती हैं कि कुंभ मेले में जन्मा बच्चा भाग्यशाली होगा। एक महिला मध्य प्रदेश के ग्वालियर से आई थी और जैसे ही वह घाट पर स्नान के लिए पहुंची, उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और परिजनों ने तत्काल एंबुलेंस को फोन कर इसकी जानकारी दी। महिला ने अस्पताल में बेटी को जन्म दिया और बच्ची का नाम सरस्वती रखा गया। उन्होंने बताया कि इसी तरह यहां पैदा हुए बच्चों के नाम भोले नाथ, गंगा, जमुना, सरस्वती, नंदी आदि रखे गए हैं।